लोकसभा चुनाव की जिलेवार समीक्षा कर रहे अखिलेश यादव के सामने साेमवार को महराजगंज जिले की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। हुआ ये कि सपा सुप्रीमाे अखिलेश यादव ने सोमवार को महाराजगंज के कार्यकर्ताओं और नेताओं को जिले की समीक्षा के लिए बुलाया था। समीक्षा के दौरान जिले से आए कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष विद्या सागर यादव का विरोध शुरू कर दिया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि नेता जी मुलायम सिंह यादव कहा करते थे कि जो नेता चुनाव में अपना बूथ हार जाए वह किसी पद पर रहने लायक नहीं है। महराजगंज के जिलाध्यक्ष अपना बूथ भी नहीं जिता सके। इस पर अखिलेश यादव ने जिलाध्यक्ष से मुखातिब होकर पूछा कि क्या यह बात सही है। इस पर जिलाध्यक्ष बगलें झांकने लगे। जिलाध्यक्ष ने कहा कि उनका दो बूथ है, एक जीते हैं और एक हारे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पूछा कि तुम जिस बूथ पर मतदाता हो वहां जीते हो या हारे हो। जिलाध्यक्ष ने बताया कि हार गए हैं। इस पर अखिलेश यादव ने नाराजगी जाहिर की। इस दौरान जिलाध्यक्ष का विरोध कर रहे लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि संगठन में कुछ बाहरी लोग भी दखल दे रहे हैं और कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमा कायम करा रहे हैं। इस दौरान ज्यादा उग्र हो रहे एक कार्यकर्ता को मीटिंग हाल से बाहर निकालते हुए उन्होंने कहा कि अनुशासनहीनता बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर किसी की शिकायत है तो लिखकर दीजिए। सुझाव है तो सबके सामने बताइये। जो अनुशासन हीनता करेगा उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
