मिशन शक्ति के तहत कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच ने पहल की है। कोर्ट में महिला अपराध समेत अन्य गम्भीर मामलों की सुनवाई में गवाह और आरोपी को पेश कराने में देरी न हो इसपर फोकस किया जा रहा है। कोर्ट से जारी होने वाले समन और वारंट सही समय पर गवाह और आरोपी को सर्व हो जाए। इसके लिए पुलिस कर्मियों (कोर्ट मुहर्रिर और पैरोकार) की डिजिटल मॉनिटरिंग शुरू हो गई है। क्राइम ब्रांच को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है और इसे मिशन शक्ति चैप्टर 2 नाम दिया गया है। एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर बताते हैं कि महिला अपराध के अलावा अपहरण, हत्या, गैर इरादतन हत्या, डकैती, मादक पदार्थों और पॉक्सो के मामलों की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। इन मामलों में समन और वारंट जारी होते हैं। जिन्हें देने में लापरवाही के कारण केसेस की सुनवाई में देरी होती है। ऐसे होगी मॉनिटरिंग एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर बताते हैं कि इसके लिए क्राइम ब्रांच ने एक सिस्टम बनाया है। जिसमें एक गूगल फार्म बनवाया गया है। कानपुर में 67 कोर्ट है जिसमें 72 कोर्ट मुहर्रिर (पुलिस कर्मी) तैनात है जो कि कोर्ट से समन या वारंट रिसीव करने का काम करते हैं। यह फार्म उनके मोबाइल पर अपलोड करा दिए गए हैं। उन्हें अपने गूगल एकाउंट से समन व वारंट रिसीव करके इस फार्म को भरकर इसे क्राइम ब्रांच की मेल पर भेजना होता है। उस डाटा को क्राइम ब्रांच के कर्मी एक्सल शीट पर तैयार करते हैं। फार्म में क्या जानकारी भरनी होती है केस का नम्बर, नाम, जिसके नाम समन या वारंट जारी हुआ है उसका नाम, पता, मोबाइल नम्बर, समन या वारंट जारी होने की तिथि और कब तक उसे हाजिर होना है उसकी तिथि भरनी होती है। पैरोकारों को सर्व कराते हुए करनी होगी फोटो एडीसीपी क्राइम बताते हैं कि इसका दूसरा चरण पैरोकारों (पुलिस कर्मियों) का है। जब कोर्ट मुहर्रिर समन व वारंट रिसीव कर लेंगे तो फिर यह सर्व कराने के लिए पैरोकारों को दिया जाएगा। पैरोकार जिसके यहां भी सर्व कराने जाएंगे। वहां पर उस व्यक्ति के साथ उन्हें फोटो खींचकर अपलोड करनी होगी। जिससे यह पता चल जाए कि उसने सही व्यक्ति को समय पर नोटिस या वारंट सर्व कर दिया है। यह होगा फायदा सही समय पर नोटिस और वारंट तामिल होने पर गवाह या आरोपी को तय समय में कोर्ट में पेश कर दिया जाएगा। केस में सुनवाई और फिर उस पर निर्णय समय से हो सकेगा। वर्तमान में नोटिस सही समय पर सर्व न हो पाने के कारण केस निस्तारण में देरी होती है। अब तक 1500 को रिसीव हो चुके हैं नोटिस एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर कहते हैं कि एक माह से इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है उसका नतीजा है कि 1500 लोगों को समन और वारंट सर्व कराया जा चुका है। उनकी फोटो समेत पूरा डाटा क्राइम ब्रांच के पास मौजूद है। यह प्रक्रिया नियमित तौर पर जारी रहेगी। इसके बाद अगले चरण में इसे थाने और एसीपी ऑफिस तक में लागू कराया जाएगा।
