हाथरस में युवा पंडित परिषद की एक बैठक अध्यक्ष आचार्य पंकज शास्त्री की अध्यक्षता में धर्मधाम मालिन गली में हुई। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि दीपावली कार्तिक कृष्ण पक्ष प्रदोष व्यापिनी अमावस्या को मनाई जाती है। इस साल सम्वत 2081 में कार्तिक अमावस्या 2024 गुरुवार को दोपहर 3: 54 से प्रारंभ होकर अगले दिन 1 नवंबर 2024 शुक्रवार को सायं 6:17 पर समाप्त हो जाएगी। इस स्थिति में अमावस्या तिथि दूसरे दिन प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद लगभग 44 मिनट के समय में व्याप्त है। धर्मशास्त्र का स्पष्ट निर्देश है यदि दो दिन अमावस्या प्रदोष व्यापिनी हो तो दूसरे दिन वाली अमावस्या में ही दीपावली का पर्व मनाया जाना शास्त्र सम्मत है। इस तर्क के पीछे पितृ कार्य भी हैं। पित्रदेव पूजन करने के बाद ही महालक्ष्मी पूजन करना उचित है। पित्र देव पूजन से तात्पर्य है कि प्रातः काल में अभ्यंग स्नान, देव पूजन करने के बाद लक्ष्मी पूजन करना उचित है। निर्णय सिंधु, धर्म सिंधु के निर्णय के अनुसार अमावस्या प्रतिपदा का युग्म शुभ माना गया है अर्थात अमावस्या को प्रतिपदा युक्त ग्रहण करना महा फलदाई होता है। इसलिए 1 नवंबर 2024 को श्री महालक्ष्मी पूजन दीपोत्सव पर्व उचित होगा। इस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त उपरांत विद्यमान होने से अमावस्या साकल्या पाद्यता जो संपूर्ण रात्रि और अगले दिन सूर्योदय तक विद्यमान मानी जाकर संपूर्ण प्रदोष काल वृष लग्न व निशीथ में सिंह लग्न में लक्ष्मी पूजन के लिए प्रशस्त होगी। दृश्य गणित से निर्मित होने वाले पंचांगों में 1 नवंबर 2024 को ही लक्ष्मी पूजन का निर्णय शास्त्र सम्मत है। यह रहे मुख्य रूप से मौजूद
इस मौके पर पंडित राम यश मिश्राचार्य, पंडित पार्वती बल्लभ जी महाराज, पंडित पंकज शास्त्री,आचार्य पं मनोज द्विवेदी,पंडित लक्ष्मण दत्त गोस्वामी, पंडित कैलाश नाथ मिश्रा, सुरेश चंद्र दीक्षित, केयूर दीक्षित, शिवानंद मिश्रा, गणेश चंद्र वशिष्ठ, उमेश चंद्र मिश्रा, विनोद मिश्रा, सीपू जी महाराज, अमित मिश्रा, शोभित त्रिपाठी, देवेश चंद्र मिश्र, विशाल वल्लभाचार्य, श्याम बल्लभ मिश्रा, ओंकारनाथ मिश्रा, श्रीनाथ शास्त्री, प्रवीण कृष्ण भारद्वाज, कुलदीप शर्मा, विकल शर्मा, राहुल मिश्रा,लक्ष्मी नारायण व्यास, विजय वेदपाठी ,कमल दीक्षित, पंकज शर्मा, संदीप कृष्ण भारद्वाज, बांकेलाल शर्मा आदि मौजूद थे।
