जालौन के बरोदा कला में 4 दिन पहले भैंस के दूध से बनी तेलू खाने से 60 से अधिक ग्रामीण फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए थे। जिसमें 8 साल के मासूम बच्चे सहित 3 की मौत हो गई थी। शुक्रवार को एक अन्य महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। जिससे गांव में हड़कंप मचा हुआ है। बीमार लोगों का मेडिकल कॉलेज और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा था। जैसे ही तीसरी मौत के जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को हुई प्रशासनिक अधिकारी मृतक के गांव पहुंचे और मामले की जांच में जुटे हैं। साथ ही पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। कैलिया थाना क्षेत्र के बरोदा कला गांव में 7 अक्टूबर को हरिप्रकाश के घर भैंस के बच्चा होने पर पहले दूध की तेलू भोज का आयोजन किया गया था। जिसमें सबसे पहले कन्या भोज में तेलू खिलाई गई और कन्याओं को देकर घर भेज दिया गया था। दोपहर में मेहमानों को बुलाया गया, जिसमें गांव के अलावा आस-पास के गांवों से नाते-रिश्तेदार शामिल होने आए थे। जिन्होंने तेलू खाई थी। इसके बाद एक-एक करके लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार होते चले गए। उल्टी-दस्त से पीड़ित सभी को सीएचसी और कुछ को प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराया गया। जहां एक 8 वर्षीय आर्यन की मंगलवार को मौत हो गई थी। जबकि दूसरी मौत बुधवार की रात को बुजुर्ग महिला रामवती 75 वर्ष पत्नी मौजी लाल की इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में हो गई थी। शुक्रवार को इलाज के दौरान तीसरी महिला रामवती पिंडारी वाली 60 वर्ष पत्नी परशुराम ने भी मेडिकल कॉलेज उरई में दम तोड़ दिया। जैसे ही गांव में तीसरी मौत की जानकारी पहुंची गांव में दहशत का माहौल बन गया। लोगों को सतर्क रहने के निर्देश
कोंच उप जिलाधिकारी ज्योति सिंह और क्षेत्राधिकारी अर्चना सिंह को तीसरी मौत की जानकारी हुई वह बरोदा कला गांव पहुंची। उन्होंने मेडिकल टीम के साथ-साथ गांव के लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। मेडिकल टीम को लगातार बीमार लोगों को उपचार करने के निर्देश दिए, साथ ही तेलू के सैंपल की रिपोर्ट के इंतजार में प्रशासनिक अधिकारी है। जिससे यह पता चल सके की तेल में ऐसी क्या चीज थी। जिसे लोगों की हालत बिगड़ी थी। तीसरी मौत के बाद गांव में हर तरफ लोग परेशान नजर आ रहे है।
