जौनपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग की एक नया कारनामा सामने आया है। जहां करंजाकला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में पहले तो एक 15 साल की अविवाहित नाबालिग का चोरी-छिपे प्रसव कराया गया। इसके बाद पीएचसी की दाई ने नवजात बच्ची को प्रसूता की रजामंदी के बाद 10 हजार रुपए में बिकवा दिया। इतना ही नहीं पीएचसी की एक नर्स ने नाबालिग का चोरी-छिपे प्रसव कराने के लिए 4 हजार रुपए भी मांगे। मना करने पर डिस्चार्ज करने से इनकार कर दिया। घटना की जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बच्ची को खरीदार से वापस मंगवा लिया। इस घटना को लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। डिलीवरी कराई, रजिस्टर में एंट्री नहीं की
सरायख्वाजा थाना क्षेत्र की एक किशोरी को शनिवार को प्रसव के लिए करंजाकला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। रविवार सुबह उसने एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन अस्पताल के स्टाफ द्वारा न तो इस मामले को रजिस्टर में दर्ज किया गया, न ही किसी उच्च अधिकारी को सूचित किया गया। प्रसूता ने अपनी नवजात बच्ची को दाई की मदद से दूधौड़ा गांव के एक रिश्तेदार को बेच दिया। इस दौरान स्टाफ नर्स ने 4 हजार रुपए मांगे। न देने पर डिस्चार्ज करने से इनकार कर दिया। इसे लेकर हंगामा हुआ तो पूरा मामला प्रकाश में आया। पुलिस और प्रशासन की तुरंत कार्रवाई
बच्ची की बिक्री का मामला जैसे ही सामने आया, स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. आनंद प्रकाश ने स्टाफ नर्स और दाई को कड़ी फटकार लगाते हुए स्थानीय पुलिस को सूचित किया। रात को नवजात को वापस बुलाया गया, और उसे प्रसूता को सौंप दिया गया। वहीं, चिकित्सा अधिकारी ने बिना रजिस्टर में दर्ज किए डिलीवरी कराने के मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है। सीएमओ ने गठित की जांच टीम
सीएमओ डॉ. लक्ष्मी सिंह ने घटना पर गंभीरता दिखाते हुए जांच टीम का गठन किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अविवाहित किशोरी के परिवार का कहना है कि लोक-लाज और पैसों की कमी के चलते बच्ची को बेचने का फैसला लिया गया था।
