झांसी के समथर में अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में घायल सुखदेवी (46) पत्नी लक्ष्मण की मौत हो गई। 17 दिन से उसका इलाज लखनऊ स्थित केजीएमसी में चल रहा था। शुक्रवार को मौत होने के बाद देर रात शव घर पहुंचा। यहां पर परिजनों ने हंगामा कर दिया। काफी देर तक समझाइश के बाद परिजन शांत हुए। आज सुबह गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे पहले तीन तस्वीरें जंगल में बन रहे थे पटाखा समथर के कटरा बाजार निवासी आतिशबाज बन्ने खां के पास एलई-5 श्रेणी का लाइसेंस था। शर्तों के मुताबिक उसे आतिशबाजी रखने और बिक्री करने का अधिकार था। यह लाइसेंस उसे पहाड़पुरा रोड स्थित दुकान के लिए जारी किया गया था, जिसकी वैधता 31 मार्च 2025 तक थी। मगर, वह पहाड़पुरा तिराहे के पास अवैध ढंग से पटाखों का निर्माण करा रहा था। एक अक्टूबर को मजदूर पटाखा बना रहे थे। तभी अचानक तेज धमाका हो गया। इसमें बन्ने खां की पत्नी नसरीन के साथ लक्ष्मी, शिवानी, सुखदेवी समेत आठ गंभीर रूप से झुलस गए। सभी को मेडिकल कॉलेज ले आया गया। नसरीन, लक्ष्मी, शिवानी व सुखदेवी की हालत नाजुक होने पर उनको केजीएमसी रेफर कर दिया गया। शव पहुंचते ही फिर फूटा गुस्सा 11 अक्टूबर को नसरीन और लक्ष्मी की लखनऊ में मौत हो गई थी। दोनों के शव घर पहुंचे तो परिजनों ने हंगामा कर दिया था। सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया था। हालांकि अफसरों की समझाइश से मामला शांत हो गया था। कुछ दिन बाद शिवानी ने भी दम तोड़ दिया। शुक्रवार को सुखदेवी की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा एक बार फिर फूट गया। रात को जब शव समथर पहुंचा तो परिजनों ने हंगामा कर दिया। हालांकि अधिकारी मौके पर पहुंच गए। समझाइश से मामला शांत हो गया। थानाध्यक्ष समेत 4 पुलिसकर्मियों पर गिर चुकी गाज पटाखा बनाते समय विस्फोट मामले में चार पुलिसकर्मियों पर गाज गिर चुकी। एसएसपी ने तत्कालीन थाना प्रभारी अजमेर सिंह भदौरिया, दरोगा मिथिलेश कुमार समेत कांस्टेबल राकेश कुमार एवं रोहित को निलंबित कर दिया गया। इस मामले में मोंठ सीओ हरिमोहन सिंह की भी जांच शुरू हो गई। वहीं, पटाखा कारोबारी बन्ने खान समेत जालौन निवासी अमित कुमार को पुलिस पकड़कर जेल भेज चुकी। दोनों ही अभी जेल में हैं।
