डिजीटल अरेस्ट की बढ़ती घटना के बीच आगरा पुलिस ने ठगी करने वाले एक गैंग को पकड़ा है। गैंग का सरगना कंप्यूटर इंजीनियर है। उसने आगरा के एक व्यक्ति को ट्राई का अधिकारी बन डिजीटल अरेस्ट कर उससे 15 लाख रुपए ठग लिए थे। पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पुलिस का कहना है कि उप्र में डिजीटल अरेस्ट कर ठगी करने वालों की ये पहली गिरफ्तारी है। डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि आगरा के नईम मिर्जा ने बताया था कि उनके मोबाइल पर वाट्स एप कॉल आई थी। फोन करने वाले ने अपने आप को ट्राई का अधिकारी बताया। उसने डिजीटल अरेस्ट कर उसने 15 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया। रुपए ट्रांसफर होने के बाद जब उन्हें ठगी का अहसास हुआ तो पुलिस को सूचना दी। साइबर क्राइम पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की। सिम और खाते से चला सुराग
डीसीपी ने बताया कि जिस नंबर से कॉल आया था और जिस खाते में रुपए ट्रांसफर हुए थे, उनकी पड़ताल की गई। पुलिस को यहां से सुराग मिला। इसके बाद लगातार कई दिनों तक आपस में कड़ियां जोड़ते हुए पुलिस अपराधियों तक पहुंची। पुलिस ने पांच लोगों को पकड़ा है। गैंग का सरगना मोहम्मद सुहैल अकरम अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर चुका है। बाकी साथी भी अच्छे पढे़ लिखे हैं। ऐसे करते थे अपराध
ये गिरोह लोगों को व्हाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए कॉल या मैसेज करके ट्राई, सीबीआई और आईबी के अधिकारी होने का झांसा देते थे। वे पीड़ितों को गिरफ्तारी वारंट का डर दिखाते थे और ‘डिजिटल अरेस्ट’ का दावा करके उनसे पैसे ऐंठते थे। जिस दिन आगरा पुलिस ने इन्हें पकड़ा, उस दिन इन्होंने करीब पौन तीन करोड़ रुपए की ठगी की थी। इससे पहले से नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करते थे। दिल्ली पुलिस इन्हें 6 बार जेल भेज चुकी थी। मगर, हर बार से नया तरीका निकालकर ठगी करते थे।