बलरामपुर के प्रतिष्ठित डीएवी इंटर कॉलेज में प्रबंधक संजय तिवारी के खिलाफ गंभीर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोपों का मामला सामने आया है। कॉलेज के शिक्षक और आर्य वीर दल के प्रदेश प्रचार मंत्री अशोक तिवारी ने प्रबंधक पर वित्तीय अनियमितताओं, जालसाजी और कूट रचना के आरोप लगाए हैं। अशोक तिवारी ने आरोप लगाया कि वह 12 अगस्त 2024 से चिकित्सा अवकाश पर थे, लेकिन प्रबंधक ने उनके अवकाश को काटकर उन्हें अनुपस्थित दिखाया और वेतन रोक दिया। अवकाश और वेतन को लेकर विवाद अशोक तिवारी ने बताया कि उनका बेटा गंभीर रूप से बीमार था, जिसके कारण वह चिकित्सा अवकाश पर थे। इसके बावजूद, प्रबंधक संजय तिवारी ने उनके अवकाश को मान्यता नहीं दी और वेतन रोक दिया। हालांकि, जिला विद्यालय निरीक्षक ने प्रबंधक के वित्तीय अधिकार छीनते हुए तिवारी को अगस्त माह का पूरा वेतन दिलवाया। फर्जी नोटिस और धोखाधड़ी के आरोप अशोक तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि जब वेतन रोकने का प्रयास विफल हुआ, तो प्रबंधक ने 4 और 6 सितंबर 2024 को फर्जी नोटिस तैयार कर उन्हें परेशान किया। इन नोटिसों में तिवारी को 5 सितंबर तक चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया, जबकि उन्हें नोटिस 9 सितंबर को प्राप्त हुई। तिवारी का कहना है कि यह प्रक्रिया धोखाधड़ी का प्रतीक है, क्योंकि वह भूतकाल में जाकर इसका पालन नहीं कर सकते थे। अनैतिक नियुक्तियों का आरोप तिवारी ने कॉलेज में अनैतिक नियुक्तियों के आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रबंधक ने सहायक लिपिकों की नियुक्ति में जालसाजी की, जिसमें सवर्ण और दलित श्रेणी के उम्मीदवारों की जगह दोनों पद सवर्ण श्रेणी के उम्मीदवारों को दिए गए। इसके अलावा, दिवंगत प्राचार्य संतोष कुमार दत्ता के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर चार चपरासियों की नियुक्ति का भी आरोप है। प्रबंधक का खंडन इस दौरान, प्रबंधक संजय तिवारी ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है और उनका खंडन किया है। हालांकि, जिला संचालक अरुण कुमार शुक्ला और कई अन्य आर्य वीरों ने तिवारी के आरोपों का समर्थन करते हुए कॉलेज में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया है और कॉलेज में प्रशासक नियुक्त करने की मांग की है। यह मामला अब बलरामपुर जिले में शिक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है। मामले की जांच जारी है।
