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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बारे में जानिए सब कुछ:80% काम पूरा, 17 अप्रैल को पहली कॉमर्शियल फ्लाइट; 186 जहाज एक साथ खड़े होंगे

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नोएडा में भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट 80% बनकर तैयार हो चुका है। 17 अप्रैल को पहली कॉमर्शियल फ्लाइट उड़ान भरने वाली है। 2 टर्मिनल वाला यह एयरपोर्ट 6 हजार हेक्टेयर एरिया में तैयार होगा। यहां 1 बार में 186 जहाज पार्किंग में खड़े हो सकेंगे। 4 फेज में 2 रन-वे तैयार होंगे। यह देश का पहला एयरपोर्ट होगा, जिसमें मल्टी-मॉडल कार्गो हब होगा। इससे इंडस्ट्रियल कार्गों को लाना-लेकर जाना आसान हो। 2 मंजिला स्ट्रक्चर तैयार, 3 हजार मजदूर लगे
इस हवाई अड्‌डे की ख़ासियत को देखने के लिए हम नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे। एक खास पॉइंट तक पहुंचने के बाद हमें रोक दिया गया। गार्ड ने बताया कि आपको इससे आगे जाने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी की अनुमति चाहिए होगी। हमने आस-पास देखा, तकरीबन 2 मंजिला स्ट्रक्चर खड़े दिखे। क्रेन के साथ मजदूर काम कर रहे थे। अथॉरिटी के मुताबिक, 80% निर्माण पूरे करवाए जा चुके हैं। 17 अप्रैल, 2025 को एयरपोर्ट से कॉमर्शियल फ्लाइट उड़ान भरेगी। इस दिन नोएडा का स्थापना दिवस भी है। 29 हजार करोड़ से 5 हजार हेक्टेयर में बनेगा
पूरा एयरपोर्ट 29650 करोड़ की लागत से 5 हजार हेक्टेयर जगह में तैयार हो रहा है। पहले फेज में 10056 करोड़ रुपए से 1334 हेक्टेयर में कंस्ट्रक्शन हुए हैं। इसको बनाने में 3 हजार मजदूर की मदद ली गई। अथॉरिटी के मुताबिक, करीब 8 हजार करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। पूरा एयरपोर्ट 4 फेज में तैयार होगा। 3 तस्वीर में टर्मिनल देखिए… पहली फ्लाइट कब से उड़ेगी? किन शहरों को उड़ान से लिंक किया जाएगा? ऐसे सवालों के साथ दैनिक भास्कर नोएडा इंटर नेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ( NIAL) के सीईओ अरुण वीर सिंह से मुलाकात की। सवाल : पहली फ्लाइट का ट्रायल कब होगा?
जवाब : 30 नवंबर, 2024 को कॉमर्शियल फ्लाइट का ट्रायल किया जाएगा। इस फ्लाइट में क्रू मैंबर और टेक्निकल स्टाफ सफर करेगा। सवाल : कौन-सी एयरलाइन की उड़ान सबसे पहले मिलेंगी?
जवाब : ये फ्लाइट आकासा और इंडिगो की शेड्यूल होगी। इसके लिए कंपनी डायरेक्टर ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को एअरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन दिसंबर, 2024 में किया जाएगा। 90 दिनों में लाइसेंस मिल जाता है। सवाल : रनवे कितना बनकर तैयार हो गया है?
जवाब : 3.9Km रनवे बनकर तैयार हो चुका है। 38 मीटर ऊंचा एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर बनकर तैयार है। सवाल : टर्मिनल कितना खास है?
जवाब : टर्मिनल बिल्डिंग भी बनकर तैयार है। टर्मिनल बिल्डिंग में छत की फीनिशिंग का काम चल रहा है। हाईटेक उपकरण और सेटअप लगाए गए हैं। सवाल : ट्रायल कब तक शुरू हो सकेंगे?
जवाब : दोनों रनवे की रिपोर्ट अक्टूबर तक DGCA को दी जाएगी। कैलिब्रेशन प्रमाणपत्र 15 अक्टूबर तक जारी होने की उम्मीद है। 15 नवंबर को उड़ान परीक्षण और अनुमति के लिए आवश्यक दस्तावेज DGCA को प्रस्तुत करेगा। 30 नवंबर को ट्रायल होगा। 2 स्लाइड में पढ़िए एयरपोर्ट कैसे-कैसे तैयार होगा… फर्स्ट फेज में एयरपोर्ट कितना तैयार… चौथे फेज में एयरपोर्ट कैसा होगा… 40 साल स्विस कंपनी संभालेगी एयरपोर्ट
इस एयरपोर्ट का निर्माण स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल कर रही है। कंपनी 40 साल तक इस एयरपोर्ट को रन करेगी। पहले फेज की पैसेंजर क्षमता 1.2 करोड़ है। 17 अप्रैल से रोजाना 65 फ्लाइट उड़ान भरेंगी। इसमें 62 फ्लाइट डोमेस्टिक होंगी। 2 इंटरनेशनल फ्लाइट होंगी और कार्गो फ्लाइट होगी। पूरा बनने के बाद ये एशिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट हो जाएगा। पहली इंटरनेशनल उड़ान दुबई या सिंगापुर की हो सकती है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक कैसे पहुंचेंगे, ये समझिए… 2 तस्वीरों में रन-वे देखिए… एयरपोर्ट के पास बहुत कुछ खास होगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट NCR, यूपी के लिए ग्रोथ इंजन होगा। एयरपोर्ट के आसपास ही काफी कुछ डेवलप किया जा रहा है। ———————————– एयरपोर्ट यूपी के डेवपलमेंट में कैसे मददगार होगा? ये सवाल दैनिक भास्कर ने अलग-अलग सेक्टर के लोगों से पूछे। पढ़िए क्या व्यू सामने आए… एक्सपोर्ट आसान होगा, ट्रांसपोर्ट सस्ता हो जाएगा
इकोनॉमिस्ट प्रोफेसर डॉ.आरके गुप्ता ने कहा- जब हम किसी प्रोजेक्ट के इकोनॉमी वायबिलिटी की बात करते हैं, तो हमें कॉस्ट और प्रॉफिट का ध्यान देना होता है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, सिंकदरा एक इंडस्ट्रियल जोन है। अभी एक्सपोर्ट दिल्ली एयरपोर्ट से होता है। ग्रेटर नोएडा और सिकंदरा बाद से इसकी दूरी करीब 125 किमी है। जेवर एयरपोर्ट शुरू होने से ये दूरी घटकर आधी से भी कम हो जाएगी। ट्रांसपोर्ट सस्ता हो जाएगा। कारोबारियों को फायदा होगा। इसी तरह टूरिज्म सेक्टर बढ़ेगा। कार्गो के लिए बेहतर, मगर पैसेंजर कनेक्टिविटी नहीं
उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के नोएडा अध्यक्ष नरेश कुच्च्छल ने कहा- व्यापारी और इंडस्ट्री को बहुत फायदा होने वाला है। जो माल दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरकर नोएडा आता था। अब वो नोएडा में मिल जाएगा। इससे टाइम बचेगा। कार्गो के लिए बेहतर है, लेकिन पैसेंजर के लिए अभी कनेक्टिविटी नहीं है। जो यात्री यहां उतरेगा, दिल्ली कैसे जाएगा। कनेक्टिविटी कहां है? मुंबई इंडस्ट्रियल कनेक्टिविटी कार्गो के लिए कामयाब रहेगा। अगर कनेक्टिविटी मिली, तो लोग दिल्ली एयरपोर्ट भूल जाएंगे
इंडस्ट्रियलिस्ट वीके सेठ कहते हैं- एयरपोर्ट का सबसे ज्यादा इंडस्ट्री को फायदा होगा। नोएडा का फेज-1 जेवर से दूर है। फेज-2 , फेज-3, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस के पास बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री आ चुकी हैं। एक्सपोर्ट में बहुत आराम हो जाएगा। अगर कनेक्टिविटी बेस्ट मिलती है, तो दिल्ली एयरपोर्ट को लोग भूल जाएंगे। अभी मीटिंग के लिए हमे बाहर जाना पड़ता है। एयरपोर्ट बनने से सभी यही आएंगे। इससे टूरिज्म में भी बूम आएगा। दिल्ली से सीधे जेवर एयरपोर्ट कनेक्ट कर रहे हैं
इंडस्ट्रियलिस्ट सुधीर श्रीवास्तव ने कहा- कनेक्टिविटी की प्लानिंग में दिल्ली से ये सीधे जेवर एयरपोर्ट को कनेक्ट कर रहे है। फरीदाबाद, यमुना, आगरा, सिकंदराबाद के लिए ये नियरेस्ट एयरपोर्ट होगा। किसी भी एरिया को डेवलप करने में इंफ्रा का बड़ा योगदान होता है। गुरुग्राम की ग्रोथ की एक बड़ी वजह दिल्ली एयरपोर्ट है। बिजनेसमैन आता है, दिन में शाम को मीटिंग अटैंड करके वापस चला जाता है। दिल्ली से कोई इंडस्ट्रियलिस्ट यहां आए तो उसे ज्यादा ट्रैवल करना पड़ेगा। एयरपोर्ट बनने का बेनिफिट मिलेगा। अब हमने एयरपोर्ट से जुड़े किशोरपुर गांव के लोगों से बात की… गांव की तरफ जा रही सड़क पर हमारी मुलाकात प्रकाश चंद से हुई। उन्होंने कहा- एयरपोर्ट के लिए हमारी जमीन लेते वक्त बताया कि बड़े-बूढ़ों को 10 हजार रुपए महीना मिलेंगे। बड़ी समस्या मवेशियों की है। उनके लिए चारा-घास सब खत्म हो गया। कहां से लाएं समझ नहीं आता। प्रेम चंद ने कहा- हमारे खेत ले लिए गए। बच्चों के लिए रोजगार तक नहीं छोड़ा। हम कहां जाएं। खेतों का मुआवजा मिल चुका है, घरों का नहीं मिला है। राजेश ने कहा- एयरपोर्ट वालों ने पानी रोक दिया है। अब गांव में पानी एकत्रित हो रहा है। इतनी गंदगी है, जिससे बीमारियां बढ़ रही हैं। धूल उड़ती है। एयरपोर्ट वालों से बोलते हैं, पानी डाल दिया करो। लेकिन नहीं डालते हैं। गांव में बिजली ठीक से नहीं आती। ढाबा संचालक दीपक यादव कहते हैं- यहीं डर सताया है, गांव उठ जाएगा तो क्या होगा हम होटल चला रहे हैं। आगे कस्टमर मिलेगा या नहीं मिलेगा। कोई गारंटी नहीं है। फिर काम धंधा खोजना पड़ेगा।

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