नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बचाए गए हिरणों को नोएडा के प्रस्तावित डियर पार्क में स्थनांतरित किए जाने की संभावना है। जिसे सेक्टर-91 में नोएडा प्राधिकरण द्वारा विकसित किया जाएगा। ये पार्क सेक्टर 91 बायोडायवर्सिटी पार्क के 100 एकड़ में से 30 एकड़ में बनाया जा रहा है। प्रस्तावित पार्क में विभिन्न प्रजाति यों के 130 से अधिक हिरण को रखने की योजना बनाई जा रही है। ये हिरण कानपुर, हैदराबाद, लखनऊ और यहां तक कि अफ्रीका के चिड़ियाघरों से लाए जाएंगे। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने बताया जेवर से हिरणों को यहां स्थनांतरित किया जा सकता है। हम इस पहलू पर गौर कर रहे हैं।” प्रभागीय वन अधिकारी पीके गुप्ता के अनुसार, राज्य के भीतर जानवरों को स्थनांतरित करने के लिए राज्य के वन्यजीव वार्डन से अनुमति की आवश्यकता होगी, जबकि अन्य राज्यों में स्थनांतरित करने के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) से अनुमोदन की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि बचाए गए हिरण और काले हिरणों के स्वास्थ्य के आधार पर, उन्हें नोएडा के डियर पार्क में स्थानांतरित किया जा सकता है।” 258 काले हिरण की मिली संख्या
इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्थल के आसपास का क्षेत्र कई प्रजातियों का घर है। जिनमें नीलगाय, ब्लैकबक, भारतीय गज़ेल, बंदर, गोल्डन जैकल्स, जंगली बिल्लियां और सारस क्रेन शामिल हैं। भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) जिसने एयरपोर्ट क्षेत्र के लिए जैव विविधता संरक्षण योजना तैयार की। जिसमें प्रभावित जीवों के लिए एक बचाव केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया। डब्ल्यूआईआई की रिपोर्ट ने एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहीत भूमि पर रहने वाले प्रमुख प्रजातियों के रूप में ब्लैकबक्स और सारस क्रेन की पहचान की। एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए निर्धारित 1,334 हेक्टेयर भूमि के साथ-साथ करीब 10 से 25 किमी तक फैले क्षेत्र के सर्वेक्षण में 258 काले हिरण दर्ज किए गए। जिनमें से 29 का सबसे बड़ा समूह एयरपोर्ट के दक्षिण-पूर्व में गांव में देखा गया। ऐसे हिरणों को नोएडा के डियर पार्क में लाया जा सकता है। नोएडा में बन रहा 40 करोड़ में डियर पार्क
बता दे जुलाई में नोएडा प्राधिकरण बोर्ड द्वारा अनुमोदित डियर पार्क परियोजना की लागत 40 करोड़ रुपए है। इसमें हैदराबाद चिड़ियाघर से 10 प्रजातियों के हिरण जिसमें हॉग हिरण, सांभर हिरण, भारतीय मृग (ब्लैक बक, चिंकारा, चौसिंघा), और लखनऊ और कानपुर चिड़ियाघर से चित्तीदार हिरण जैसी प्रजातियां शामिल होंगी। इसके अतिरिक्त, स्प्रिंगबॉक, इम्पाला, वाइल्डबीस्ट और लेसर सहित अफ्रीकी मुग़ौं को अफ्रीका से लाया जाना है। पुर्नवास शैल्टर से डियर पार्क आएंगे हिरण
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के दौरान विस्थापित होने वाले जानवरों के लिए एक पुनर्वास शैल्टर बनाया जाएगा। ये 10 हेक्टेयर एरिया में छनौरी वेट लैंड के पास होगा। इसके निर्माण में करीब 5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जिसे एयरपोर्ट देख रही एजेंसी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड वहन करेगी। इसमें विस्थापित होने वाले जानवरों के बाड़े बनाए जाएंगे। साथ ही उनके इलाज और क्वारैंटाइन के लिए भी स्पेस होगा। इसके लिए जो भी कंपनी काम करेगी उसे ये जमीन 30 साल के लिए दी जाएगी। यहां लाए जाने वाले हिरणों को भी नोएडा शिफ्ट किया जा सकता है।
