नेक्सजेन एनर्जिया कंपनी के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सरगना मुकेश खत्री की जमानत कोर्ट ने नामंजूर कर दी है। गौतमबुद्ध नगर विशेष न्यायाधीश सौरभ द्विवेदी की कोर्ट ने कहा कि अपराध कूटरचित, फ्राड व डाटा चोरी का है। अपराध की प्रकृति गंभीर है। प्रकरण में विवेचना चल रही है। यदि अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया गया तो साक्ष्य से छेड़छाड़ की पर्याप्त संभावना है। जमानत पत्र स्वीकार किए जाने का कोई पर्याप्त आधार न होने पर जमानत नामंजूर कर दी गई। पिछले महीने किया था गिरफ्तार
मुकेश खत्री को पुलिस ने पिछले महीने गिरफ्तार कर लिया था। यह गिरफ्तारी वांछित अपराधियों की धरपकड़ के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत की गई थी। पुलिस आयुक्त और अपर पुलिस आयुक्त (लॉ एंड ऑर्डर) के निर्देशन में ग्रेटर नोएडा डीसीपी के नेतृत्व में यह एक्शन बीटा-2 थाना पुलिस ने लिया था। ऐसे दिया ठगी को अंजाम
प्रभारी निरीक्षक थाना बीटा-2 और उनकी टीम ने ग्रेटर नोएडा से शातिर अपराधी मुकेश खत्री को गिरफ्तार किया। मुकेश खत्री सोनीपत (हरियाणा) का रहने वाला है और संगीन अपराधों में फरार चल रहा था। पुलिस ने बताया कि मुकेश ने बायो गैस पेट्रोल पंप खोलने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया। मुकेश ने “नेक्सजेन एनर्जिया” नामक कंपनी से पेट्रोल पंप के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। पीएनबी बैंक जींद (हरियाणा) से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 2 करोड़ रुपए का लोन पास करा लिया। इसके बाद कंपनी के साथ धोखाधड़ी करते हुए मार्जिन मनी के चेक को बाउंस करा दिया। फरार आरोपियों की तलाश तेज
इसके अलावा मुकेश ने कंपनी के सेल्स डायरेक्टर उत्कर्ष गुप्ता के साथ मिलकर कंपनी के ग्राहकों का डेटा चोरी कर लिया और अपनी फर्जी कंपनियों के जरिए निवेश का झांसा देकर करोड़ों रुपए ठग लिए। इससे कुछ दिन पूर्व मुकेश के साथी उत्कर्ष गुप्ता को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब मुकेश की गिरफ्तारी के बाद पुलिस मामले का खुलासा करने के लिए अन्य फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है।
