डिजिटल अरेस्ट कर मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर 52 लाख 50 हजार की ठगी करने वाले एक आरोपी को साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी जमुना प्रसाद रावत को पटा चौराहे के पास हाथरस रोड थाना मुरसान जिला हाथरस से पकड़ा। पुलिस ने बताया कि पीड़ित ने 29 अगस्त 2024 को थाना साइबर क्राइम नोएडा में शिकायत की थी। अज्ञात साइबर ठग ने ट्राई का कर्मचारी बनकर उसके मोबाइल एवं आइडी का प्रयोग मनी लॉन्ड्रिंग में किए जाने डर दिखाया। स्काई ऐप डाउनलोड कराकर किया डिजिटल अरेस्ट इसके बाद कहा कि इसकी जांच साइबर क्राइम मुंबई द्वारा की जा रही है। जिससे पीड़ित डर गया। साइबर अपराधी द्वारा पीड़ित को बताया गया कि इस केस की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की जा रही है। जिस पर वादी को स्काई ऐप डाउनलोड कराकर वीडियो काल करके डिजिटल कस्टडी में लिया गया। जांच आरबीआई द्वारा किए जाने की बात बताकर पीड़ित से आटीजीएस, आइएमपीएस आदि माध्यम से 52 लाख 50 हजार रुपए की धनराशि जांच के नाम पर फर्जी बैंक खाते में जमा कराई गयी। जिसके लिए पीड़ित ने कैश व लोन भी लिया गया। साइबर अपराधियों द्वारा पैसा जिस खाते में ट्रांसफर कराया गया उस खाते को आरबीआई का एसएसए (सेक्रेट सुपरविजन अकाउंट) खाता बताया गया। जांच के बाद साक्ष्यों के आधार पर आरोपी जमुना प्रसाद रावत को जिला हाथरस से गिरफ्तार किया गया। फर्जी खाते तैयार कर किराए पर देता था आरोपी पूछताछ में उसके द्वारा बताया गया कि वह फर्जी बैंक खाते तैयार कराकर अपने साथी हाथरस निवासी भोले को किराये पर देता था। आरोपी के खाते में पीड़िता के खाते से 02 लाख रुपए आए है। साइबर क्राइम पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुए 02 लाख 59 हजार रुपए फ्रीज़ काराये। जिनको न्यायालय के आदेश से वादी को वापस कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।
