बाराबंकी में रामनगर थाना क्षेत्र के चैनपुरवा गांव में आज एक विवाहिता भगहर झील में गिर गई, जब नाव का संतुलन बिगड़ गया। घटना के बाद गांव वालों ने उसे किसी तरह बाहर निकाला और सीएचसी सूरतगंज पहुंचाया, लेकिन वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मृतका के परिजनों और गांव की महिलाओं ने झील पर पुल बनाने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। लक्ष्मी निषाद अपने पति धर्मेंद्र निषाद के लिए खाना लेकर घर से निकली थी। दूरी कम करने के लिए उसने खुद नाव चलाने का निर्णय लिया। जैसे ही वह झील के बीच पहुंची, नाव पलट गई और लक्ष्मी जलकुंभी व गहरे पानी में फंस गई। यह देख आसपास के मजदूर भी दौड़ पड़े और कड़ी मेहनत के बाद उसे बाहर निकाला, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सीएचसी पहुंचने पर डॉक्टरों ने लक्ष्मी को मृत घोषित कर दिया। हादसे की खबर सुनकर दर्जनों महिलाएं अस्पताल पहुंच गईं और झील पर पुल बनाने की मांग करने लगीं। उनका कहना था कि अगर झील पर पुल होता, तो लक्ष्मी के अलावा दो साल पहले पुत्तीलाल, तीन साल पहले चिन्ताराम और नौ साल पहले गणेश कुमार उर्फ कल्लू जैसे कई परिवारों को इस तरह की घटना का सामना नहीं करना पड़ता। लक्ष्मी की शादी को आठ साल हो चुके थे, और पति धर्मेंद्र की जिम्मेदारियाँ भी उसी के कंधों पर थीं। मौके पर पहुंची पुलिस ने महिलाओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन महिलाएं सुनने को तैयार नहीं हुईं। अंततः तहसीलदार भूपेंद्र विक्रम सिंह और क्षेत्राधिकारी रामनगर सौरभ श्रीवास्तव ने दिसंबर महीने के पहले पखवाड़े में सुलभ रास्ते के लिए पुल या अन्य विकल्प के तहत काम शुरू करने का लिखित आश्वासन दिया। तब जाकर लक्ष्मी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
