काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान 7 घंटे रहे। उन्होंने आईआईटी बीएचयू के दीक्षांत समारोह में मेधावियों को मेडल पहनाया। इसके अलावा उन्होंने जिम्मेदारों से बात करके विश्वविद्यालय की स्थिति को जाना। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सबसे पहले बीएचयू,आईआईटी बीएचयू और पूर्वांचल के एम्स की व्यवस्था को विकसित करना है। उन्होंने कहा देश को आठ ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का रास्ता तकनीकी और प्रौद्योगिकी शिक्षा से ही निकलेगा। दीक्षांत समारोह के दौरान केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा – आप लाख-करोड़ के पैकेज के चक्कर में मत पड़िए। जॉब सीकर की जगह जॉब क्रिएटर बनिए। मौजूदा समय में मिलने वाले अवसरों की चर्चा करते हुए कहा कि यहां बैठे गुरुजन और पिछली पीढ़ी के लोग इन युवाओं को आशीर्वाद देने के साथ ही यह भी सोचते होंगे कि उनके समय में इतने अवसर नहीं थे। शिक्षामंत्री ने विज्ञान और तकनीक में उभरते हुए भारत की तस्वीर पेश करते हुए कहा कि हिन्दुस्तान आज तेजी से विकास कर रहा है। चाची की कचौड़ी और बनारसी पान का किया जिक्र बीएचयू में केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी बनारसी स्वाद को अनदेखा नहीं कर सके। उन्होंने दीक्षांत समारोह में आने से पहले चाची की कचौड़ी मंगाकर खाई। अपने संबोधन के दौरान डिजिटल पेमेंट का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि एक साल पहले काशी की प्रसिद्ध चाची की कचौड़ी खाई,इसके बाद चौराहे पर बनारसी पान खाया। दोनों जगहों पर मैंने डिजिटल पेमेंट भी किया। उन्होंने बताया कि आज अमेरिका, चीन और यूरोप तीनों में जितना डिजिटल पेमेंट होता है। अकेले भारत में उससे ज्यादा डिजिटल पेमेंट किया जाता है। बीएचयू लाइब्रेरी के प्राचीन पांडुलिपियों को डिजिटल करने का किया जिक्र शिक्षा मंत्री ने बीएचयू केंद्रीय पुस्तकालय का निरीक्षण किया। इस दौरान वहां उन्होंने पहले वहां पढ़ रहे छात्रों से उनकी पढ़ाई और लाइब्रेरी के संबंध में जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने लाइब्रेरियन डी.के.सिंह से लाइब्रेरी में मौजूद सबसे प्राचीन पांडुलिपियों के बारे में जानकारी ली तथा इसके बारे में पांडुलिपियों को कैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किया जा सकता है जिससे और लोग भी इसके बारे में जान सके इसकी योजना तैयार करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने लाइब्रेरी को अधिक से अधिक डिजिटल करने के लिए कहा जिससे लाइब्रेरी को कोई भी छात्र या कोई विश्वविद्यालय से संबंधित जुड़ सके, जिस पर लाइब्रेरियन डी के सिंह ने बताया डिजिटल रूप से संचालित करने के लिए पहले से ही काम चल रहा है। शिक्षा मंत्री ने इस दौरान कहा कि केंद्रीय ग्रन्थालय अत्यंत समृद्ध है तथा अनेक दुर्लभ पांडुलिपियों और पुस्तकों में भारतीय ज्ञान परम्परा के अपार भंडार को सहेजे हुए है। इस दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि विश्व के विख्यात प्रतिष्ठित पुस्तकालयों में उपयोग की जा रही श्रेष्ठ पद्धतियों को अपनाने के बारे में विचार किया जाना चाहिए। लाइब्रेरियन डॉ डी के सिंह ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में आर्थिक राशि में काफी वृद्धि हुई है। छात्रों ने उठाया नॉन नेट फेलोशिप बढ़ाने और छात्र संघ का मुद्दा केंद्रीय कार्यालय के निरीक्षण के दौरान छात्रों ने अभिषेक सिंह और शुभम तिवारी के नेतृत्व में एक ज्ञापन दिया।जिसमें उन्होंने शिक्षामंत्री से नॉन नेट फेलोशिप बढ़ाने की मांग की। जिस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह फेलोशिप विश्वविद्यालय के द्वारा दी जाती है। इस संबंध में विश्वविद्यालयों से बात किया जाएगा। साथ ही छात्रों ने दिल्ली विश्वविद्यालय की तर्ज पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में भी छात्रसंघ लागू करने की मांग उठाई। छात्रों ने उठाया पेपरलीक और CUET में गड़बड़ी का मुद्दा निरीक्षण के दौरान पढ़ाई कर रही एक छात्रा ने शिक्षामंत्री से नेट और CUET परीक्षा में हुए पेपर लीक का मुद्दा उठाया। इसके साथ ही एनटीए के द्वारा जब से CUET की परीक्षा कराई जा रही है तब से सेशन हर वर्ष देर से चल रही अभी तक प्रवेश प्रक्रिया चल रही। जिस पर शिक्षा मंत्री ने छात्रा को आश्वस्त की किया कि सरकार पेपर लीक मुद्दे पर काम कर आगे से ऐसा नहीं होगा जहां तक सत्र के देर से या प्रवेश प्रक्रिया देर तक चलने की बात है तो वो भी ठीक किया जाएगा।
मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बोले- हमें जॉब क्रिएटर बनना होगा:BHU लाइब्रेरी के प्राचीन पांडुलिपियों को डिजिटल करने का जिक्र, छात्रों संग तस्वीर खिंचवाई
