मध्य प्रदेश के 5 सीनियर अफसरों की टीम संगम में यूपी के अफसरों के साथ बोट पर सवार है। उज्जैन रेंज के एडीजी उमेश जोगा चर्चा कर रहे हैं। क्राउड मैनेजमेंट और संगम के अंदर तैयारियों पर बात कर रहे हैं। टीम इसका पूरा डॉक्यूमेंट तैयार कर रही है। इसके बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के साथ भी चर्चा की। यह स्टडी 3 साल बाद उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के लिए की जा रही है। सिर्फ मध्य प्रदेश की टीम ही नहीं, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक के अधिकारी भी महाकुंभ में मैनेजमेंट समझने के लिए डेरा जमाए हैं। 8 साल में 3 राज्यों में कुंभ का आयोजन होना है। अफसर जानना चाहते हैं कि जहां 40 करोड़ श्रद्धालु आएंगे, वहां क्राउड मैनेजमेंट कैसा है? सुरक्षा व्यवस्था कैसे की गई? मध्य प्रदेश की टीम लीड करने की जिम्मेदारी एडीजी रैंक के सीनियर आईपीएस अफसर उमेश जोगा को दी गई है। टीम में शामिल डीआईजी उज्जैन नवनीत भसीन और डीआईजी PHQ तरुण नायक ने यहां इंटेलिजेंस की व्यवस्था देखी। एसपी राहुल लोढ़ा ने रेलवे से जुड़ी व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। आईपीएस अधिकारी हितेश चौधरी, एएसपी साइबर सेल, उज्जैन के एएसपी के साथ ही थाना प्रभारी, हेड कॉन्स्टेबल और पुलिस विभाग के आरआई को भी इस पूरे ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल किया गया है। महाकुंभ की व्यवस्था का एनालिसिस
एडीजी उज्जैन उमेश जोगा ने दैनिक भास्कर को बताया कि प्रयागराज महाकुंभ का जायजा लेने के लिए हमें भेजा गया है। हम लोग आयोजन से जुड़ी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। हमारे यहां 2028 में सिंहस्थ होने वाला है, जिसे लोग कुंभ कहते हैं। हम देखने आए हैं कि प्रयागराज में सारी व्यवस्था कैसे की गई, ताकि सिंहस्थ में सब कुछ पुख्ता किया जा सके। यहां जो नए कॉरिडोर बने हैं, उनमें किस प्रकार की व्यवस्था है, उसका भी जायजा लिया। प्रयागराज प्रशासन की तैयारियों को बड़ी ही बारीकी से समझा कि कैसे काम हो रहा? सबसे ज्यादा फोकस ट्रैफिक-क्राउड मैनेजमेंट पर
उमेश जोगा बताते हैं- मेरी लंबे समय तक पोस्टिंग रीवा में रही है। हर मंगलवार को बड़े हनुमान जी के दर्शन करने प्रयागराज आता था। इस वजह से इस शहर से ज्यादा अनजान नहीं हूं। अभी 2 दिन की विजिट में हमारा सबसे ज्यादा फोकस ट्रैफिक-क्राउड मैनेजमेंट पर रहा। इसी पर सबसे ज्यादा समय स्पेंड किया। हमारे लिए लर्निंग पॉइंट यह है कि जिस दिशा से यहां क्राउड आ रहा है, उनके लिए अलग-अलग घाट हैं, ताकि भीड़ इकट्ठा ना हो। हमने देखा मेन मैनेजमेंट किस तरह से है? कहां-कहां पर लोगों को रुकवाया गया है, ये व्यवस्था भी देखी। साइबर अटैक रोकने के लिए क्या किया गया? यह भी देखा। घाटों पर किस तरीके से वाटर जेट्स बनाए गए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन को भी हमने देखा। बाकी एडमिनिस्ट्रेशन के साथ रेलवे का को-ऑर्डिनेशन कैसा है, इसके बारे में जाना। कुंभ में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए जो इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट हुआ है, उसका किस तरीके से इस्तेमाल किया जाएगा, इसे भी देखा। उमेश जोगा के मुताबिक, यहां बने कंट्रोल रूम में बड़ी संख्या में सीसीटीवी लगाए गए हैं। साथ ही डिजिटल पोस्टर लगे हैं। प्राइवेट टीम की भी मदद ली गई है। ये सब रियल टाइम में लोगों से कैसे कम्युनिकेट करेंगे, हम ये भी देखना चाहते थे। कई पॉइंट पर एडीजी प्रयागराज जोन के साथ भी बातचीत हुई। कुंभ के नाम पर हो रहे फ्रॉड्स पर भी स्टडी
एडीजी उज्जैन उमेश जोगा ने बताया- कुंभ मेले में होटल रूम और कॉटेज के नाम पर हो रहे फ्रॉड को लेकर भी टीम ने पूरा अध्ययन किया। इस फ्रॉड को काबू कैसे किया जाए, इसे लेकर यहां के अधिकारियों से चर्चा की। AI के पोर्शन को भी हमारी टीम ने देखा। कुंभ के टाइम पर AI फंक्शन कैसे ऑपरेट होगा, इसके बारे में जाना। प्रयागराज की तर्ज पर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट करेंगे
उमेश जोगा कहते हैं- इस बार मध्य प्रदेश शासन ने पहले से ही ऐसा स्टेप लिया है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में लगने वाले समय को कवर किया जा सके। हमने यहां देखा कि प्रयागराज में रोड का चौड़ीकरण हुआ है। हमें ऐसा लगता है कि हमारे यहां इसमें दिक्कत आएगी। ये प्लेन एरिया है, यहां इसके लिए स्कोप है। लेकिन, हमारे यहां मंदिर के पास और स्नानघरों के पास रेजिडेंशियल एरिया ज्यादा है। यहां 12 किलोमीटर का घाट बनाया गया है। हमारे यहां घाट इतना लंबा नहीं होगा। फिर भी जितना कर सकते हैं, उतना प्रयास करेंगे। उमेश जोगा ने बताया कि उज्जैन के कलेक्टर और एसपी भी यहां की व्यवस्था देखने आएंगे। उनके साथ और भी टीम आएगी। अभी कमिश्नर के साथ ही उज्जैन डेवलपमेंट अथॉरिटी के भी अधिकारी आए थे। पीडब्ल्यूडी के भी अधिकारी आए थे। एमपी की टीम मेले के दौरान कई विजिट करेगी। अब जानिए महाकुंभ की तरह कहां-कहां आयोजन होता है
प्रयागराज की तरह उज्जैन, हरिद्वार और नासिक में कुंभ का आयोजन हर 12 साल पर होता है। 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ होगा। हरिद्वार में अगला कुंभ 2033 में होगा, जबकि नासिक में गोदावरी नदी के किनारे 2027 में कुंभ है। इसलिए यहां के अफसर प्रयागराज महाकुंभ की स्टडी कर रहे हैं। वहीं, कर्नाटक के सबरीमाला मंदिर में भारी भीड़ होती है। हाल ही में वहां बड़ा हादसा हुआ था। इसी तरह राजस्थान में पुष्कर मेले और करौली माता मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। इसलिए दोनों राज्यों की टीमें भी महाकुंभ में आई हैं। इसके अलावा कानपुर आईआईटी की तरफ से इस पूरे मैनेजमेंट की डॉक्यूमेंट्री तैयार की जा रही है। ताकि कुंभ से पहले, कुंभ के बीच में और कुंभ खत्म होने के बाद सारी व्यवस्थाओं को विदेशों में सेमिनार के जरिए प्रेजेंट किया जा सके। —————————– यह खबर भी पढ़ें हर्षा रिछारिया महाकुंभ छोड़ेंगी, छोटे टेंट में हुईं कैद, बोलीं- न मैं मॉडल हूं, न संत; बदनाम करने वालों को पाप लगेगा ‘मैं न कोई मॉडल हूं और न ही कोई संत…मैं सिर्फ एक एंकर और एक्ट्रेस थी। संतों ने महिला होने के बावजूद मेरा अपमान किया। आनंद स्वरूप को पाप लगेगा।’ यह कहकर हर्षा रिछारिया रो पड़ती हैं। हर्षा मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं। दैनिक भास्कर से एक्सक्लूसिव बातचीत में हर्षा ने कहा- अब मुझे डर लग रहा है। मेरे ऊपर लग रहे आरोपों से मैं त्रस्त हूं, परेशान हूं। यहां पढ़ें पूरी खबर
