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मिलावटखोरी: मिलावटी मिठाइयों का कारोबार शुरू!

त्योहारों में कैमिकलयुक्त मिठाई के कारखानों से निर्मित मिठाई की बाजार में बिक्री से पड़ेगा आम आदमी के स्वास्थ पर गहरा असर,  अधिकारी मौन

अर्पित सिंह श्रीवास्तव (ब्यूरो प्रमुख)-

अम्बेडकरनगर। जनपदीय क्षेत्र बसखारी क्षेत्र में संचालित होने वाली वैध/अवैध कैमिकलयुक्त कारखानों से निकलने वाली मिठाई बड़ी–बड़ी दुकानों पर सप्लाई की जाती हैं और यहीं कैमिकलयुक्त कारखानों पर निर्मित/बनाई गई मिठाई उन्हीं दुकानदारों द्वारा जनता के बीच बिक्री की जाती हैं। जिससे आलम यह है कि जनता के बीच तेजी से गंभीर बीमारियों का आगोश बना हुआ दिखाई पड़ रहा हैं जनता के स्वास्थ्य पर इन मिठाइयों का सेवन करने से गहरा असर पड़ रहा हैं। जिस पर रोक और लगाम लगाने में जनपद के सक्षम अधिकारी जांच पड़ताल शुरू कर कार्यवाही करने में गुरेज कर रहे हैं इससे जनता के बीच यही प्रतीत होता दिखाई पड़ रहा हैं की इन्हीं जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से इन मिठाई बनाने में प्रयुक्त मशीनों को लगा कर कैमिकलयुक्त कारखानों का संचालन कर रहें लोग बड़ी – बड़ी मिठाई की दुकानों पर सस्ते दामों में बेच कर इन्हीं दुकानदारों द्वारा दिनों रात जनता के बीच मिठाई बेच कर एक तरफ उनकी जेब में दिनदहाड़े डाका डाल कर कैमिकलयुक्त मिठाई खिलाया जा रहा और जनता गंभीर बीमारियों का भी शिकार हो रहीं हैं। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो बसखारी क्षेत्र में लगभग अधादर्जन से अधिक कैमिकलयुक्त मिठाई कारखानों का संचालन हो रहा है और इसमें तो कुछ ऐसे है की बीते लगभग पांच वर्ष पहले इनके पास फूटी कौड़ी नहीं थी लेकिन आज इनकी मालियत/संपत्ति करोड़ों में दबदील हो गई है।
एक मिठाई का कारखाना संचालक तो भाजपा का नेता बन कर भाजपा के बड़े नेताओं को चंदा दे कर अधिकारियों पर धौंस जमा अपना कैमिकलयुक्त कारखानों का संचालन बेखौफ कर रहा है अगर जिला अधिकारी अविनाश सिंह द्वारा इन मिठाई कारखानों के संचालन करने वालों की जांच पड़ताल करा ली जाए तो इनके मिठाई में कैमिकलयुक्त होने सबूत तो मिलेगा ही और इनके पास कम समय में अकूत संपत्ति का खजाना भी होना पाया जाएगा कहना आसान न होगा की जिले के फूड सेफ्टी चीफ से लेकर संबंधित अधिकारी को इनके तरफ से बेकायदा महिना चंदा पहुंचाया जाता है इन्हीं दुकानदारों/कारखानों के मालिकों द्वारा अधिकारियों की आवाभगत की जाति है जिससे इन्हें इनका संरक्षण प्राप्त हो रहा होता है। जो भी हो ये जनता के स्वास्थ पर गहरा प्रभाव तो डाल ही रहा हैं और इससे न जाने कित्तो की मौते फूड पॉयजनिंग से हो जाति हैं लेकिन इन सब के बीच चंद पैसों के लिए संबंधित अधिकारी जांच पड़ताल की कार्यवाही बस औपचारिकतन कर के अपने कर्तव्यों की इतश्री ले कर अपनी पीठ थपथपा लेते हैं। अब सवाल उठता है कि नव रात्रि एवं दशहरा पर्व और दीपावली त्योहार सर पर है इसमें मिठाइयों की खरीदारी अत्यधिक मात्रा में लाखों की दुकानदारों और जनता के बीच बढ़ जाती है जिसमे कैमिकलयुक्त कारखानों के मालिकों के पास भारी मात्रा में मिठाइयों की सप्लाई देने के इलावा को भी विकल्प नहीं रहता इन्हें त्योहारों के मौके पर मोटी रकम कमाने के अवसर मिल जाता है और अधिकारियों की मिली भगत से ये मिठाई कारखानों और दुकानदारों को लाखों का मुनाफा जनता को लूट कर मिल जाता हैं ऐसे में इन मिठाई कारखानों के ऊपर पाबंदी लगाई न जा पाना अपने आप में यश प्रश्न बन गया है उक्त संदर्भ में फूड सेफ्टी चीफ ने बताया की अभी कुछ दिनों पूर्व लगभग चार पांच मिठाई कारखानों से सैंपलिंग की गई थी जिसमे मेरी जानकारी में तीन कारखानों के नमूने की रिपोर्ट फेल हुई हैं।
इनके ऊपर मुकदमे की कार्यवाही शुरू की जाएगी।

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