रामपुर की अदालत में शनिवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को कड़ी सुरक्षा में पेश किया जाएगा, जहां उनके खिलाफ गवाह को धमकाने के मामले में आरोप तय किए जाएंगे। आजम खान और उनके साथ 6 अन्य पर गवाह को धमकाने का आरोप है, जो कि वर्तमान में एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में विचाराधीन है। सुबह करीब साढ़े 10 बजे जिला कारागार से आजम खान को कभी सुरक्षा के बीच रामपुर ले आया जा रहा है। यह मामला उस समय का है जब थाना सदर के बेरियान निवासी नन्हे ने साल 2022 में शहर कोतवाली में आज़म खान और अन्य के खिलाफ धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। डूंगरपुर कांड में गवाह नन्हे वादी हैं। नन्हे का आरोप है कि कुछ लोग उसके घर आए और उसे सपा नेता आजम खान के पक्ष में गवाही न देने के लिए धमकाया। इसी मामले में आजम खान सहित करीब 6 लोगों को कोर्ट में तलब किया गया है। आजम खान पर कुल 85 मुकदमे अदालत में विचाराधीन हैं, जिनमें से एक गवाह को धमकाने का मामला भी शामिल है। सीतापुर जेल से रामपुर कोर्ट को रवाना
समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान को रामपुर न्यायालय में पेश किया जाएगा। सुबह करीब 10:30 बजे जिला कारागार से आजम खान को सुरक्षा के बीच रामपुर लाया जा रहा है। आपको बता दें की आजम खान बेटे अब्दुल्ला के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई थी। आजम खान के साथ बेटे अब्दुल्ला और पत्नी तंजीम भी जेल में बंद थी। पत्नी तंजीम को जमानत मिलने के बाद वह रामपुर जेल से बाहर हैं। लेकिन बेटा अब्दुल्ला हरदोई जेल और आजम खान सीतापुर जेल में बंद है। वर्तमान में सीतापुर जेल में बंद
कोर्ट में उनकी पेशी के दौरान इस मामले में आरोप तय किए जा सकते हैं। इसके अलावा, आज़म खान को बेटे के जन्म प्रमाण पत्र मामले में कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई थी, जिसके कारण वह वर्तमान में सीतापुर जेल में बंद हैं। उनकी पेशी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। 12 दिन पहले हुआ आजम और अब्दुल्ला का दो पैनकार्ड मामले में बयान दर्ज
रामपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के बयान दर्ज हुए। दो पैन कार्ड मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दोनों के बयान दर्ज हुए। एमपी-एमएलए कोर्ट में दोनों के बयान सीआरपीसी 313 के तहत दर्ज हुए। दोनों के लिए केस में अंतिम मौका है। जब वह अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर सफाई में कोर्ट में सवालों के जवाब दिए। साल 2019 में भाजपा नगर विधायक आकाश सक्सेना ने कोतवाली सिविल लाइन्स में मुकदमा दर्ज करवाया था। रामपुर पब्लिक स्कूल मामले में दाखिल याचिका खारिज
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की अध्यक्षता वाले न्यास द्वारा संचालित मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की जमीन लीज रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें उसने यूपी सरकार द्वारा भूमि लीज रद्द किए जाने के खिलाफ मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की कार्यकारी समिति की याचिका खारिज कर दी थी। राज्य सरकार ने लीज शर्तों के उल्लंघन का हवाला देते हुए न्यास को आवंटित 3.24 एकड़ जमीन का पट्टा रद्द कर दिया था। सरकार का कहना है कि यह जमीन मूल रूप से एक शोध संस्थान के लिए आवंटित की गई थी, लेकिन वहां एक स्कूल चलाया जा रहा था। हाईकोर्ट के फैसल को दी थी चुनौती
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा भूमि पट्टे को रद्द करने के 18 मार्च के आदेश को चुनौती देने वाली न्यास की याचिका खारिज कर दी थी। न्यास की कार्यकारी समिति ने तब दलील दी थी कि सुनवाई का कोई अवसर दिए बिना ही पट्टा विलेख रद्द कर दिया गया। हाई कोर्ट में राज्य की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता ने बिना ‘कारण बताओ नोटिस’ के पट्टा रद्द करने का बचाव इस आधार पर किया था कि ‘जनहित सर्वोपरि’ है। यह दलील दी गई थी कि उच्च शिक्षा (शोध) संस्थान के उद्देश्य से ली गई जमीन का उपयोग एक स्कूल चलाने के लिए किया जा रहा था। ये खबर भी पढ़ेंः- बहराइच हिंसा-आरोपी अब्दुल के घर पर चल सकता है बुलडोजर:23 घरों में नोटिस चस्पा, सुबह कई ने दुकानें खाली कीं; योगी ने DGP के साथ मीटिंग की बहराइच हिंसा का शनिवार को 7वां दिन है। सड़कों पर अभी भी सन्नाटा है। जगह-जगह फोर्स तैनात है। हालांकि, अब प्रशासन एक्शन में जुट गया। राम गोपाल की हत्या में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के घर बुलडोजर चल सकता है। इसी घर में भगवा झंडा लहराने के दौरान राम गोपाल को गोली मारी गई थी। शुक्रवार रात को PWD की ओर से महाराजगंज में 23 मकानों पर नोटिस चस्पा किए गए हैं। इनमें 20 मुस्लिम और 3 हिंदुओं के मकान हैं। प्रशासन ने 3 दिन का वक्त दिया है। नोटिस का जवाब न मिलने पर बुलडोजर कार्रवाई हो सकती है। यह वही जगह है जहां से मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा की शुरुआत हुई थी। पढ़ें पूरी खबर…
