लखनऊ में रामलीला के मंचन रविवार को भक्ति गीतों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजी शाम के नाम रहा। श्री रामलीला समिति, ऐशबाग में शनिवार शाम देवताओं की स्तुति के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। रामलीला मंचन में श्री राम की विनम्रता और मित्र धर्म दिखा। तो वहीं मौसम गंज रामलीला में कैकेई-दशरथ संवाद ने दर्शकों को भावुक किया। तस्वीरों में रामलीला का मंचन ऐशबाग रामलीला में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजी शाम सृजन डांस परफॉर्मिंग आर्ट्स के निर्देशक अमित कुमार शर्मा और उनके समूह ने भक्ति गीतों पर नृत्य प्रस्तुतियां दीं, जिसमें हनुमान चालीसा, मां शेरावाली और जय महाकाल प्रमुख रहे। समिति के पदाधिकारियों ने अमित कुमार शर्मा और नृत्य करने वाले बच्चों को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। शाम 8 बजे से सचिन श्रीवास्तव के निर्देशन में स्वाति श्रीवास्तव और उनके शिष्यों द्वारा शिव आराधना और ‘श्री राम चंद्र कृपाल भजमन’ पर नृत्य प्रस्तुत किए गए। इसके बाद, रामलीला का मंचन भास्कर बोस के निर्देशन में निषाद राज मिलन, केवट संवाद, श्रवण कुमार कथा और भरत-केकई संवाद के साथ संपन्न हुआ। रामलीला में श्री राम की विनम्रता, सहनशीलता और मित्र धर्म पालन का गहरा संदेश दिया गया, जिससे समाज को शालीनता और संयम का महत्व समझ में आया। कैकेई के दो वरदान और दशरथ की वेदना ने बांधा मंचन, दर्शकों की आंखें नम 145 साल पुरानी मौसम गंज रामलीला में रविवार को शिव कुमार वर्मा के निर्देशन में कैकेई-मंथरा संवाद, राम वन गमन और केवट प्रसंग का भावपूर्ण मंचन किया गया। राम की भूमिका में अभिषेक त्रिपाठी और दशरथ की भूमिका में शिव कुमार वर्मा के उत्कृष्ट अभिनय ने दर्शकों के दिल को छू लिया। दशरथ के संवाद, “पहला वर जो मांगा तूने वह नहीं हुआ है भार मुझे,” ने दर्शकों को भावुक कर दिया। जैसे ही कैकेई ने राम के लिए वनवास की मांग की, दर्शकों की आंखों में आंसू छलक आए। समिति के अध्यक्ष घनश्याम अग्रवाल ने बताया कि सोमवार को सूर्पणखा अंग भंग और सीता हरण के प्रसंग का मंचन होगा।
