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लखनऊ में अनाथालय से 9 लड़कियों के भागने का मामला:7 का नहीं लगा अब तक पता, DM के आदेश पर बालिका गृह कराया खाली

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लखनऊ के अलीगंज स्थित श्रीराम औद्योगिक अनाथालय में रहने वाली 9 बालिकाओं के भागने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। प्रशासन ने आनन-फानन में वहां रहने वाली सभी बालिकाओं को विरोध के बीच रातों रात सरकारी संरक्षण गृह भेज दिया। सुरक्षा के नाम पर अब तक प्रशासन ने क्या इंतजाम किए इस पर कोई बोलने को तैयार नहीं है।अधिकारी सुरक्षा के सवाल पर परिसर में CCTV कैमरा लगा होने की बात कहकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं। इसका नतीजा रहा कि आश्रय गृह से नौ लड़कियां ग्रिल की जाली काटकर भागने में कामयाब रहीं। अब तक 2 दो लड़कियों को बरामद किया जा चुका है। बाकी की तलाश की जा रही है। ​​​ लड़कियों ने किया विरोध अनाथालय से बालिकाओं के भागने के बाद प्रशासन ने जांच के बाद कठोर कदम उठाए। DM सूर्यपाल गंगवार ने जांच के बाद सभी लड़कियों को राजकीय बालिका गृह भेजने के निर्देश दिए। जब प्रशासन की टीम वहां पहुंची तो लड़कियों ने इसका विरोध किया। काफी देकर तक गहमागहमी का माहौल रहा। इसके बाद लड़कियों को वहां से ले जाया गया। 9 कमरे, 3 तीन होमगार्ड अनाथालय में सुरक्षा के नाम पर 3 होमगार्ड की ड्यूटी 8-8 घंटे के हिसाब से लगती है। वहीं परिसर में 9 कैमरे लगे हैं। जिस तरफ से लड़िकयां भागीं। उधर कैमरा नहीं होने की बात बताई कही जा रही है। इससे साफ है कि छात्राओं को पता था कि पीछे की तरफ से भागने में वह कैमरे में कैद नहीं होंगी। इसी के चलते उन्होंने रूम नंबर 2 के बाथरूम की तरफ की ग्रिल काटी। जिसके बाद एक-एक कर निकल भागीं। डीएम के निर्देश पर डीपीओ ने शुरू की जांच श्रीराम औद्योगिक अनाथालय में नौ बालिकाओं के भागने के बाद प्रशासन की नींद टूटी। सूचना मिलते ही डीएम सूर्यपाल गंगवार के साथ ही महिला कल्याण समेत समाज कल्याण के तमाम अधिकारियों ने मौके पर पहुंचे। वहीं जिलाधिकारी ने डीपीओ विकास सिंह को मामले की जांच के आदेश दे दिए। रात होते-होते अनाथालय को खाली कराने के आदेश आ गए। जिसके बाद वहां रहने वाली लड़कियों के भारी विरोध के बाद उन्हें राजकीय बाल संरक्षण गृह पारा भेज दिया। अब वृद्धा आश्रम चलाने के निर्देश जिसके चलते ट्रस्ट की ओर से संचालित इस संस्था को अब वृद्धाश्रम के रूप में चलाया जाएगा। यहां अब पांच साल तक के बच्चों और बुजुर्गों को आश्रय गृह के तौर पर विकसित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। नाकाबंदी की पर नहीं मिली सफलता 9 नाबालिग लड़कियां में सभी की उम्र 16-17 के बीच है। सभी पॉस्को पीड़िता है। दो लड़कियों को करीब 3 घंटे बाद बरामद किया गया था। वे पुरनिया के पास बस का इंतजार कर रही थीं। इनमें से एक जम्मू और दूसरी बहराइच की रहने वाली है। अन्य की तलाश में रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप और उनके जिलों को जाने वाले मार्गों पर तलाश की गई, लेकिन पुलिस का सफलता नहीं मिली।

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