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लखनऊ में आबगीना का मंचन:प्रसिद्ध लेखक टेनेसी विलियम्स की कृति द ग्लास मैनेजरी पर आधारित, आबगीना में दिखीं जीवन मजबूरियां

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लखनऊ गोमतीनगर स्थित संगीत नाटक अकादमी में इम्मेंस आर्ट्स एंड कल्चरल सोसायटी और रमा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आबगीना का मंचन किया गया। यह नाटक अमेरिकी लेखक टेनेसी विलियम्स की प्रसिद्ध कृति द ग्लास मैनेजरी पर आधारित था। निर्देशन भारतेंदु नाट्य अकादमी के संकाय सदस्य और वरिष्ठ रंगकर्मी गोविंद सिंह यादव ने किया। नाटक आबगीना ने दर्शकों को भावनाओं और रिश्तों के जाल में फंसे मानव जीवन की गहराइयों से रुबरू कराया और इसे मंचित होते देखकर दर्शकों में एक भावनात्मक अनुभव रहा। नाटक में परिवारिक रिश्तों की समस्याओं को दिखाया
नाटक आबगीना एक परिवार की कहानी को दर्शाता है। जिसमें एक पुरानी सोच की मां नफीसा कवि बनने का सपना देखने वाला बेटा एजाज और उसकी नाज़ुक और शर्मीली बहन लुबना शामिल हैं। लुबना अपने कांच के खिलौनों की दुनिया में खोई रहती है, जबकि नफीसा उसकी शादी कराने की कोशिश करती है। एजाज अपने परिवार की ज़िम्मेदारियों से बंधा हुआ महसूस करता है और अपनी बहन के लिए एक पुराना सहपाठी अमजद को घर लाता है। मुलाकात योजना के मुताबिक नहीं हो पाती और परिवार की उम्मीदें टूट जाती हैं। यह नाटक जीवन की विसंगतियों, जिम्मेदारियों के बोझ और टूटते सपनों की जटिलताओं को दर्शाता है। नाटक में ये कलाकार हुए शामिल
एजाज की भूमिका में विक्रम कत्याल, नफीसा की भूमिका में शैलजा कांत, लुबना के रूप में अनन्या सिंह वहीं अमजद की भूमिका में गोविंद सिंह यादव ने दर्शकों का दिल जीत लिया। समरीन सिद्दीकी, शैलजा कांत, राहुल शर्मा, श्रेयांश पाल, संदीप चक्रवर्ती, स्नेहा अत्रे ने अपने किरदार को बखूबी निभाया। नाटक के माध्यम से सामाजिक को संदेश
आबगीना केवल एक मनोरंजक प्रस्तुति नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक संदेश भी देती है। यह दर्शाता है कि कैसे पारिवारिक जिम्मेदारियां व्यक्ति के सपनों पर प्रभाव डालती हैं। हमें रिश्तों की गहराई समझने की प्रेरणा देती हैं।

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