लखनऊ में पेपर मील स्थित कैफी आजमी अकादमी में जनवादी लेखक संघ लखनऊ द्वारा कविता की जमीन-5 का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में दिल्ली के प्रतिष्ठित कवि लखनऊ में काव्य पाठ के लिए आए। कार्यक्रम की शुरुआत नादा हसन के स्वागत भाषण से हुआ। लखनऊ की पहचान गंगा-जमुनी तहजीब
कार्यक्रम में लखनऊ की समृद्ध साहित्यिक परंपरा का जिक्र करते हुए कहा कि यह शहर न केवल गदर का गवाह रहा है, बल्कि यहां की गंगा-जमुनी तहजीब भी इसकी पहचान है। उन्होंने आशा व्यक्त कि आज के कठिन दौर में यहां उपस्थित कवियों की कविताएं उम्मीद की किरण बनेंगी। काव्य पाठ में दिल्ली पर चर्चा
दिल्ली के कवि प्रेम तिवारी ने कविता में दिल्ली विषय पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि कविता में दिल्ली का स्थान और उसकी महत्ता को समझना आवश्यक है। तिवारी ने राधेशाम तिवारी की पुस्तक का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पुस्तक इस विषय की गहराई को दर्शाती है। कविता घर नंगी देह का काव्य पाठ
कार्यक्रम में कई युवा और वरिष्ठ कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। सबसे पहले युवा कवि आमिर ने अपनी कविता घर नंगी देह सुनाई। इसके बाद राजेंद्र यादव ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। अन्य कवियों ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं, जिसमें स्त्री संवेदनाएं, सामाजिक मुद्दे और राजनीतिक टिप्पणी शामिल थीं। प्रसिद्ध कवियित्री सविता सिंह ने कहा कि यह मनुष्य की जाती हुई सदी है और उनकी रचनाएं इस सत्य को दिखाती हैं। निराला पुरस्कार से सम्मानित कवि विष्णु नागर ने अपने कविताओं के माध्यम से वर्तमान समय के प्रतिरोध का स्वरूप प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन ज्ञान प्रकाला और सीमा सिंह ने किया। यह आयोजन न केवल साहित्य प्रेमियों के लिए, बल्कि समाज में चल रहे मुद्दों पर एक वार्ता का माध्यम बना। इस प्रकार कविता की जमीन 5 कार्यक्रम ने लखनऊ की साहित्यिक परंपरा को और भी सशक्त बनाने का कार्य किया।
