लखनऊ में हसन ननसरुल्लाह की मौत के बाद शिया समुदाय लगातार उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। चौक शीश महल स्थित बाग-ए-सकीना में मोमबत्ती जला कर हसन नसरुल्लाह को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि सभा में छोटे बच्चे और महिलाएं शामिल हुई थी। श्रद्धांजलि देने वाली महिलाओं ने कहा कि हसन नसरुल्लाह एक बहादुर लीडर थे। घर के अंदर बैठे हुए शख्स को इजराइल ने धोखे से मारा है। हसन नसरुल्लाह इमाम हुसैन के अनुयायी थे
प्रदर्शन में शामिल फातिमा ने कह कि हसन नसरुल्लाह ने हमेशा महिलाओं के सम्मान की लड़ाई लड़ी है। फलस्तीन के छोटे-छोटे बच्चों की सुरक्षा किया है। हसन नसरुल्लाह की मौत का गम हमारे दिलों में हमेशा रहेगा। नसरुल्लाह फिलिस्तीन और इंसानियत की मदद करने वाले व्यक्ति रहे हैं। सीरिया में 45 नर्सों की जान बचाई थी। फलस्तीन में मासूम बच्चों और महिलाओं के ऊपर जब हमला किया जा रहा था ढाल बनकर सामने आए थे। नसरुल्लाह इमाम हुसैन के मानने वाले थे। इमाम हुसैन ने हमेशा इंसानियत और मानवता का संदेश दिया। इमाम हुसैन ने हमें शिक्षा दिया कि अत्याचार करने वाले के साथ ना खड़े हो। हसन नसरुल्लाह की याद में होगी मजलिस
फातिमा ने कहा कि इजराइल को उसके कर्मों की सजा जरूर मिलेगी। आज कुछ लोग जिंदगी बचाने वाले को आतंकवाद का नाम दे रहे हैं। हम लोगों से अपील करना चाहते हैं कि पहले आप उनके बारे में पढ़ें। हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने हमेशा फलस्तीन का साथ दिया। अपने देश की लड़ाई लड़ना यह आतंकवाद तो नहीं हो सकता। मानवता की वह कौन सी किताब है कि लोगों की जिंदगी बचाने वाले को अपराधी कहा जाए। हम लोग हसन नसरुल्लाह की याद में मजलिस कर रहे हैं , मोमबत्ती जला रहे हैं आगे भी उनको याद करते रहेंगे।
