लखनऊ के विकास नगर इलाके में नगर निगम कर्मचारियों ने गाड़ी में टक्कर मारकर उसमें तोड़फोड़ की। इसके बाद पुलिस पर दबाव बनाकर उल्टा मुकदमा लिखवा दिया। पीड़ित ने विकास नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि नगर निगम के अपर नगर आयुक्त ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करके मुकदमा लिखवाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक, विकास नगर के रहने वाले विनोद कुमार मिश्रा सरकारी संस्कृत विद्यालय के प्राचार्य हैं। रविवार को विश्व पुरोहित परिषद के पदाधिकारी डॉ. विपिन पाण्डेय के साथ अपनी स्विफ्ट डिजायर यूपी 32 जीवी 4404 से जा रहे थे। तभी रास्ते में पूजा ब्यूटी पार्लर एवं मेकअप स्टूडियो सेक्टर -8 के सामने नगर निगम की कूड़े वाली गाड़ी यूपी 32 3484 ने जानबूझकर उनकी गाड़ी में टक्कर मार दी। नगर निगम की गाड़ी का नंबर प्लेट भी साफ नहीं दिख रहा था। फिर गाड़ी बनवाने की बात कहकर अपने ऑफिस लेकर चला गया। जहां पर अन्य कर्मियों के साथ मिलकर लोहे का रॉड निकालकर उनकी कार को और बुरी तरह तोड़ने लगा। भद्दी भद्दी गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दिया। उन्होंने घटना के बाद तुरंत पुलिस के पास जानकारी दी। जहां से आरोपी ड्राइवर का नाम गौतम यादव पता चला। अपर नगर आयुक्त ने दबाव बनाकर दर्ज कराया केस कुछ देर बाद विकास नगर थाने में गौतम यादव अपने कुछ अन्य साथियों और अपर नगर आयुक्त ललित कुमार के साथ पहुंचा। जहां पर अपर नगर आयुक्त ललित कुमार ने अपने पद का धौंस दिखाते हुए थाने में विनोद के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करा दिया। ललित कुमार ने अपनी मौजूदगी में गौतम यादव का शिकायती पत्र लिखकर थाने में दिया है। पीड़ित विनोद का कहना है कि उनके पास नगर निगम की गलती होने के सारे सबूत भी हैं। जिसे उन्होंने अपनी शिकायत पत्र के साथ पुलिस को सौंप दिया है। मामले में इंस्पेक्टर विकास नगर कहना है की दो पक्षों में गाड़ी लड़ने को लेकर विवाद हुआ है। शिकायत दर्ज करके मामले की जांच की जा रही है। थाने में 25-30 नगर निगम कर्मियों ने किया हंगामा विकास नगर थाने का एक वीडियो भी सामने आया है। जहां पर 25 से 30 की संख्या में नगर निगम कर्मी नारेबाजी कर रहे हैं। इस दौरान पुलिस भी उनके सामने कमजोर बनकर खड़ी है।
