वाराणसी जिला एवं सत्र न्यायालय ने सोमवार को 10 साल पुराने क्रूरता से युवती की हुई हत्या के मामले में फैसला सुनाया। गवाहों, साक्ष्यों, पुलिस की चार्जशीट के आधार पर आरोपी ही दोषी सिद्ध हुए। उनके खिलाफ गवाहों ने खुलकर बयान दिए तो साक्ष्यों ने जज के फैसले की राह आसान बना दी। फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम कुलदीप सिंह की अदालत ने युवती से अश्लीलता, सरेराह छेड़खानी, दबंगई के बल पर केरोसिन डालकर जिंदा जलाने में नामजद सगे भाइयों समेत तीन को दोषी माना। जज ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई, उन पर जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं भरने पर अतिरिक्त सजा का प्रावधान भी किया, तीनों को देर शाम जिला जेल में दाखिल कर दिया गया। सिगरा थाना क्षेत्र के एक मुहल्ले में 18 दिसंबर 2014 को 20 वर्षीय युवती अपने घर के समीप पानी भर रही थी। उसी दौरान माताकुंड, लल्लापुरा निवासी गप्पू, बाबूदान और पप्पू सड़क से गुजरते हुए उसे देखने लगे, युवती ने जाने का प्रयास किया तो उसके साथ छेड़खानी करने लगे। उसने युवकों की हरकतों का विरोध किया तो तीनों ने सारी हदें पार कर दीं, सरेराह दिनदहाड़े उसे दबोच लिया। उस पर केरोसिन उड़ेल कर आग लगा दी, आग लपटों से घिरी युवती तड़पती रही। आसपास जुटे लोगों ने आग बुझाई और उसे अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान युवती की मौत हो गई। पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर केस दर्ज किया और गिरफ्तारी-चार्जशीट के बाद ट्रायल शुरू हुआ। केस में एडीजीसी मनोज गुप्त व बिंदू सिंह ने अदालत में आठ गवाहों को पेश किया गया। युवती ने मृत्यु से पूर्व घटना के संबंध में अपना बयान दर्ज कराया था। फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज कुलदीप सिंह ने सभी की दलीलें और गवाहों के आधार पर केरोसिन उड़ेलकर युवती को जलाने के तीन आरोपियों को दोषी पाया। अदालत ने माताकुंड, लल्लापुरा निवासी गब्बू उर्फ रियाजुद्दीन व उसके भाई बाबूदान और पप्पू उर्फ हसमत को आजीवन कारावास और 32-32 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने जुर्माने की 25-25 प्रतिशत धनराशि युवती के मां-बाप को देने का आदेश दिया है। सजा सुनाने के बाद रो पड़े हत्यारे अंतिम दलील में अभियोजन ने अदालत से दोषियों को कठोर से कठोर सजा देने की अपील की। कहा कि अभियुक्तों ने गंभीर अपराध किया है और उन्हें कठोरतम दंड दिया जाए। बचाव पक्ष की दलील थी कि अभियुक्त वृद्ध हैं और उनके घर में कोई कमाने वाला नहीं है। इसलिए उन्हें सजा में रियायत दी जाए। अदालत ने तथ्यों और साक्ष्य के आधार पर तीनों अभियुक्तों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने से दंडित किया। कोर्ट में माताकुंड, लल्लापुरा निवासी गब्बू उर्फ रियाजुद्दीन व उसके भाई बाबूदान और पप्पू उर्फ हसमत अपने किए पर पछतावा करते सजा कम करने की गुहार लगाते रहे। फैसले के समय दोनों की आंखों से आंसू आ गए और रोने लगे। फिर एक दूसरे से लिपटकर रोते हुए जेल चले गए।
वाराणसी में हत्या-अश्लीलता में भाइयों समेत तीन को आजीवन कारावास:10 साल पहले युवती पर केरोसिन डालकर जिंदा जलाया था, साक्ष्य-गवाहों ने दिलाई सजा

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