मुजफ्फरनगर नगर के विभिनन मंचों पर हो रही श्रीरामलीला में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। कहीं सीता स्वयंवर तो कहीं श्रीराम वनवास की लीला का कलाकार मंचन कर रहे हैं। किसी रामलीला में मंथरा-कैकई का संवाद दर्शाया गया। भगवान श्रीराम ने पिता दशरथ के आदेश से महल छोड़ सिया और लखन संग 14 साल के वनवास को स्वीकार किया। श्री रामलीला नई मंडी भवन में मनाया जा रहा 98वॉ श्री रामलीला महोत्सव में लीला का शुभारंभ प्रसिद्ध उद्योगपति रघुराज गर्ग, उद्यमी अमरीश गोयल समाजसेवी पुष्पेंद्र अग्रवाल द्वारा मां दुर्गा की आरती एवं दीप प्रज्वलित कर किया। लीला में धनुष यज्ञ परशुराम संवाद का भव्य मंचन किया गया। राजा जनक ने सीता स्वयंवर के लिए भगवान शिव के धनुष को भंजन करने के लिए अलग-अलग राज्य से राजा महाराजा आमंत्रित किए गए। किंतु कोई भी राजा भगवान शिव के धनुष का भंजन नहीं कर पाया, यह देखकर राजा जनक दुखी हो जाते हैं। उनका दुख देखकर ऋषि विश्वामित्र प्रभु श्री राम को शिव धनुष भंजन करने को कहते हैं। तब प्रभु श्री राम शिव धनुष को प्रणाम करके धनुष का भंजन कर देते हैं यह देखकर श्रद्धालुओं से भरा पंडाल जय श्री राम के जय घोष के साथ गूंज पड़ा। कमेटी अध्यक्ष संजय मित्तल, अशोक गर्ग, आदित्य भरतिया, राजीव अग्रवाल, संजय जिंदल काका, विवेक गर्ग, विदित गुप्ता, अभिषेक कुच्छल, उपेंद्र मित्तल, राजेश गोयल, विवेक बंसल, कुलदीप शर्मा आदि ने अतिथियों का स्वागत प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। नई मंडी पटेलनगर श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति के तत्वावधान में श्री राम वनवास लीला का हुआ भावपूर्ण मंचन हुआ। वनवास लीला के दौरान दासी मंथरा ने कैकई को ऐसी कपटी सीख दी कि कैकई की हट के कारण अयोध्या में खुशी होते होते शोक छा गया। राजा दशरथ का प्रभु श्रीराम के मोह में व्याकुल होनेे की लीला ने सभी दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। प्रबंधक अनिल ऐरन, कार्यक्रम संयोजक विकल्प जैन, अध्यक्ष गोपाल चौधरी, महामंत्री सुरेंद्र मंगल, मंत्री जितेंद्र कुच्छल, उपाध्यक्ष प्रमोद गुप्ता आदि मौजूद रहे।
