गाजियाबाद के डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने गुरुवार शाम बैंक के कर्मचारियों को अपने कलेक्ट्रेट भवन में ही बंद करा दिया। डीएम बैंक कर्मचारियों के साथ मीटिंग कर रहे थे। इस दौरान जिला अधिकारी का बैंक के अधिकारी व कर्मचारियों पर पारा चढ़ गया। डीएम ने कहा कि जब तक लोन संबंधी कागज पूरे नहीं किए जाएंगे, कोई भी घर नहीं जा सकेगा। विकास भवन में बैठक मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत लोन पास न करने पर गुरुवार को गाजियाबाद के DM ने सभी बैंकर्स को विकास भवन सभागार में बंदी बना लिया। शाम को मीटिंग के बाद उन्होंने कहा कि जब तक लोन के आवेदन पास नहीं होंगे, तब तक यहीं रहना होगा। विकास भवन सभागार में बाहर से ताला लगाकर अंदर उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। यह भी कहा कि देर रात तक यदि सभी आवेदन नहीं हुए तो उनके सोने की भी व्यवस्था वहीं कराई जाएगी। कम आवेदन पास होने पर भड़के DM इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि बैंकर्स के पास 403 आवेदन भेजे गए थे। जिसमें से 365 आवेदन फारवर्ड भी हो गए, लेकिन महज 50 आवेदन इन्होंने पास किए। DM के ताला लगाने के बाद तत्काल 11 आवेदन पास किए गए। जिलाधिकारी ने सभी को कमरे में बंदकर उनके खाने-पीने की व्यवस्था के लिए कहा, साथ ही सभी से कहा है कि वह रात 9 बजे तक एक बार फिर निरक्षण करने आएंगे, लोन पास हो गए तो वह घर जा सकेंगे नहीं तो रात में सोने की भी व्यवस्था कराई जाएगी। इसके बाद बैंक के सभी कर्मचारी व अधिकारी लोन के कार्य में लगे रहे।
