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LU में इंटर यूनिवर्सिटी डिबेट कम्पटीशन:329 स्टूडेंट्स ने कराया रजिस्ट्रेशन,फाइनल के लिए 25 स्टूडेंट्स सेलेक्ट

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लखनऊ विश्वविद्यालय में स्व.कमला बहुगुणा के जन्म शताब्दी वर्ष पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इसका विषय रहा, क्या भारत में महिलाओं को आरक्षण देने से वास्तविक समानता हासिल की जा सकती है। इसमें UG और PG के स्टूडेंट्स ने भाग लिया। 40 यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स लेंगे भाग स्व.कमला बहुगुणा के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 40 विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति द्वारा 15 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। समाजसेवा में लगाया जीवन मुख्य अतिथि पूर्व सांसद प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि उनकी मां कमला बहुगुणा का जीवन महिलाओं की विषमताओं और संघर्ष को दर्शाता है। उनके परिवार ने रूढ़ियों को त्यागते हुए पुत्री को उच्च शिक्षा सहित अपनी योग्यता के अनुसार लक्षण को प्राप्त करने की सभी सुविधाएं दी व्यापार सेवा की सहायता से थी और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र के रूप में अग्रणी पंक्ति में खड़ी थी। वह उत्तर प्रदेश जिला परिषद की प्रथम निर्वाचित महिला अध्यक्ष चुनी गई थी और छठवीं लोकसभा में फूलपुर लोकसभा से सांसद चुनी गई। गांधीवाद में अटूट विश्वास रखने वाली कमला बहुगुणा ने समाज सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें सभी प्यार से मम्मी कहकर पुकारते थे। ये रहे विजेता पहला स्थान वीरना तिवारी, दूसरा शगुन सिंह व तीसरा स्थान आर्यन मिश्रा ने हासिल किया। महर्षि विवि में ऋषभ बाजपेई को पहला, प्रकृति को दूसरा और नीलाक्षी मिश्रा को तीसरा स्थान मिला। ये विद्यार्थी अंतर विवि वाद-विवाद प्रतियोगिता के ग्रैंड फिनाले में प्रतिनिधित्व करेंगे।

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