एनफोर्समेंट एजेंसी यानी ED ने मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष के. मेघाचंद्र सिंह को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (PMLA) के तहत चल रही जांच के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया है। मेघाचंद्र को 7 अक्टूबर को दिल्ली में ED कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन वे फिजिकली पेश नहीं हो सके। इसे लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मेघाचंद्र लगातार आवाज उठा रहे हैं कि नॉन-बायोलॉजिकल पीएम, केंद्रीय गृह मंत्री, मणिपुर के मुख्यमंत्री और बीजेपी ने कैसे मणिपुर को बर्बाद किया है, इसलिए बदले की राजनीति के तहत उन्हें ये समन भेजा गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई मणिपुर में केंद्र सरकार की विफलताओं को छुपाने के लिए है। 17 महीने में नरेंद्र मोदी मणिपुर नहीं गए हैं, ये उनकी विफलता का सबूत है। जो लोग खुद डरे हुए रहते हैं, वे दूसरों को डराने की कोशिश करते हैं। कांग्रेस कभी चुप नहीं रहेगी। समन में ED ने लिखा- मेघाचंद्र की व्यक्तिगत उपस्थिति जरूरी है
समन में ED के सहायक निदेशक अमित कुमार ने कहा कि मेघाचंद्र की व्यक्तिगत उपस्थिति जरूरी है ताकि वे सबूत दे सकें और PMLA के तहत जांच से संबंधित रिकॉर्ड पेश कर सकें। उन्होंने कहा कि अगर आप तय स्थान और समय पर उपस्थित नहीं होते हैं या पासबुक या अन्य दस्तावेज पेश नहीं करते हैं, तो आप PMLA के तहत सजा पाने के हकदार रहेंगे। कांग्रेस बोली- हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे
मणिपुर कांग्रेस में मौजूद सोर्स के मुताबिक, यह समन 3 अक्टूबर को जारी किया गया था, लेकिन मेघाचंद्र को इसके बारे में आज (7 अक्टूबर) ही पता चला। इस देरी के कारण वह समय पर उपस्थित नहीं हो सके। वहीं, मणिपुर कांग्रेस के प्रवक्ता एन. बुपेन्द्र मीतई ने X पर बताया कि “मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष के. मेघाचंद्र को मणिपुर के लोगों के हक के लिए आवाज उठाने और मोदी सरकार और उसकी एजेंसियों का सच उजागर करने के लिए चुप नहीं कराया जा सकता। हम इसे अदालत में कानूनी रूप से लड़ेंगे।