मणिपुर के जिरिबाम जिले में एक बार फिर हिंसा भड़की है। बोरोबेकरा इलाके के एक गांव में उग्रवादियों ने शनिवार सुबह 5 बजे फायरिंग कर दी। बोरोबेकरा पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों ने गांव में बम भी फेंके हैं। सूचना मिलने पर पुलिस और CRPF की टीमें मौके पर पहुंची हैं। उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच फायरिंग लगातार जारी है। फिलहाल हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। पुलिस ने बताया कि बोरोबेकरा जिरिबाम टाउन से 30km दूर है। इस इलाके में घने जंगल और पहाड़ हैं और यहां पहले भी गोलीबारी जैसी घटनाएं हो चुकी हैं। इससे पहले 18 अक्टूबर को जिरीबाम के ही कालीनगर हमार वेंग इलाके में उग्रवादियों ने एक स्कूल में आग लगा दी थी। 15 अक्बूटर को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय की निमंत्रण पर मैतेई, कुकी और नगा समुदायों के 20 विधायक दिल्ली पहुंचे थे। इन्हें मणिपुर और हिंसा न होने का संकल्प दिलाया गया था। बैठक के 4 दिन बाद शनिवार को जिरिबाम में हिंसा हुई है। 4 दिन पहले मणिपुर में शांति के लिए दिल्ली में बैठक हुई थी
15 अक्टूबर को हुई बैठक में पहले कुकी, फिर मैतेई और बाद में नगा नेताओं से बात की गई। सभी ने अपनी-अपनी मांगें केंद्र के सामने रखीं। इसके बाद सभी को एक हॉल में इकट्ठा कर संकल्प दिलाया गया कि आज की बैठक के बाद मणिपुर में न तो एक भी गोली चलेगी और न ही किसी व्यक्ति की जान जाएगी। तीनों समुदायों के प्रतिनिधियों ने इस पर सहमति दी। इसके बाद प्रतिनिधियों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाए। सूत्रों के मुताबिक करीब डेढ़ घंटे चली बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह मौजूद नहीं थे, लेकिन शाह बैठक की मिनट-टु-मिनट मॉनिटरिंग कर रहे थे। CM बीरेन सिंह को हटाने की मांग
मणिपुर में 19 भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को हटाने की मांग की। विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा हिंसा रोकने का यह एकमात्र रास्ता है। सिर्फ सुरक्षा बलों की तैनाती से कुछ नहीं होगा। उन्होंने चेतावनी दी अगर हिंसा लंबे समय तक जारी रही, तो राष्ट्र के तौर पर भारत की छवि भी खराब होगी। इस बैठक में कुकी, मैतई और नगा विधायक भी शामिल थे। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यव्रत सिंह, मंत्री थोंगम विश्वजीत सिंह और युमनाम खेमचंद सिंह शामिल हैं। 4 पॉइंट्स में जानिए- क्या है मणिपुर हिंसा की वजह…
मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं। कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए। मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया। नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा। सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं। ——————– मणिपुर हिंसा से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… मणिपुर CM बीरेन सिंह 16 घंटे में दूसरी बार राज्यपाल से मिलने पहुंचे, यूनिफाइड कमांड की मांग की मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह 8 सितंबर दोपहर करीब 12 बजे राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे। वहीं शनिवार (7 सितंबर) रात 8 बजे भी उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की थी। यह मीटिंग करीब 30 मिनट तक चली थी। इससे पहले बीरेन सिंह CM हाउस में सभी विधायकों से भी मिले थे। बीरेन सिंह ने गवर्नर से यूनिफाइड कमांड की मांग की थी। इसमें सभी सुरक्षा एजेंसियों की कमान राज्य सरकार के पास आ जाएगी। फिलहाल यह केंद्र सरकार के कंट्रोल में है। पूरी खबर पढ़े… मणिपुर में CM के काफिले पर हमला, दो सुरक्षाकर्मी घायल: बोले- यह राज्य की जनता पर हमला है मणिपुर के जिरिबाम में उग्रवादियों ने 10 जून को मणिपुर सीएम एन. बीरेन सिंह के सुरक्षा दस्ते पर हमला किया था। यह सुरक्षा दस्ता हिंसा प्रभावित जिरिबाम में सीएम की सभा से पहले तैयारियों का जायजा लेने जा रहा था। जब सुरक्षा काफिला कोटलेन पहुंचा तो उग्रवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें ड्राइवर समेत दो सुरक्षाकर्मी घायल हुए। हमले के वक्त मुख्यमंत्री काफिले में नहीं थे। पूरी खबर पढ़े…