भागलपुर में 7 साल पहले किडनैपिंग मामले में कोर्ट ने चार अभियुक्तों को दोषी करार दिया है। एक दोषी गौरव कुमार को आठ और बचे सभी तीन को 18 अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी।2017 में गणतंत्र दिवस परेड की झांकी देखने तहबलपुर से सैडिस कंपाउंड आए युवक विक्रम कुमार उर्फ विक्की का अपहरण किया था। इसके बाद पीड़ित के पिता से 5 लाख रुपए की फिरौती मांग थी। लेकिन पीड़ित किसी तरह से मौके पर से निकल कर घर आ गया था। अब 7 साल बाद इसमें कार्रवाई की गई है। बीच रास्ते से गांव के लड़के ने उठाया 26 जनवरी 2017 भागलपुर के तबलपुर के रहने वाले स्नातक के छात्र विक्की कुमार भागलपुर के ऐतिहासिक मैदान सैंडिस कंपाउंड में गणतंत्र दिवस की झांकी देखने जा रहे थे। घर से महज थोड़ी दूर पर ही वो गया था, तभी गांव के ही मांटा मंडल उसे मिला। उसके साथ नवगछिया के रहने वाले खगेश भी था। उन्होंने विक्की से पूछा कि कहां जा रहे हो? तो उसने कहा कि गणतंत्र दिवस की झांकी को देखने के लिए सैंडिस जा रहा हूं। इस पर विक्की को बांटा मंडल ने कहा कि अभी झांकी में समय है मेरे बाइक पर बैठो। बांटा ड्राइव कर रहा था, बीच में विक्की बैठा था और पीछे नवगछिया के रहने वाला खगेश। दीदी के घर के बहाने नवगछिया ले गया उन लोगों ने पहले विक्की से कहा कि चलो चाय पीने तिलकामांझी चलते हैं। चाय पीने के बाद बांटा ने कहा कि अभी झांकी निकलने में लेट है, एक काम करते हैं खगेश के दीदी का घर नवगछिया में है। वहां से घूम कर आते हैं। इसके बाद बाइक पर बैठाकर नवगछिया ले गए। वहां उनके साथ 3 और बदमाश मिले। कुल 5 लोगों ने विक्की को एक कमरे में बंद कर दिया। उसके साथ जमकर मारपीट की। बेटा का मुंह देखना है, तो 5 लाख दो विक्की ने बताया कि मेरे मोबाइल से पापा को बांटा ने फोन किया। 5 लाख की फिरौती मांगने लगे। आरोपियों ने कहा कि बेटा का मुंह देखना है, तो 5 लाख दो। इसके बाद विक्की के पिता ने लोदीपुर पुलिस से संपर्क की। सुबह हमने बदमाशों को कहा कि शौच लगी है, तो वह पानी का व्यवस्था करने के लिए गया। तब विक्रम ठाठ को तोड़कर भाग निकला। हालांकि गौरव ने उसे देख लिया और पकड़ लिया। दोनों में मारपीट होने लगी तो आसपास के लोग पहुंच गए। लोगों को विक्रम ने पूरा मामला बताया तो उन्होंने गौरव को पकड़ा। इसके बाद लोगों ने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची और विक्रम को बरामद कर लिया। मोबाइल ट्रेसिंग कर आरोपी पकड़ाया पिता किशोर मंडल ने बताया कि हम पहले ठेला चलाने का काम करते थे। स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने की वजह से हमने मुर्गा का बिजनेस खोला। बेटा मेरे कामों में पढ़ाई के साथ-साथ हाथ बंटाता था। पड़ोस के ही बांटा ने अपहरण की साजिश अपने दोस्त संग रची थी। हमने धैर्य रखते हुए इसकी जानकारी लोदीपुर पुलिस को दी और बेटे की तलाश में जुट गए। इसके बाद मोबाइल ट्रेसिंग की मदद से पुलिस ने विक्की को ढूंढा। वकील बनना चाहता है विक्की विक्की 2 बहन और इकलौता भाई है। वह पढ़ लिखकर अधिवक्ता बनना चाहता है। हालांकि लॉ में उसकी एडमिशन इस बार नहीं हो पाई। उन्होंने आगे बताया कि बदमाशों से पहले ना कोई किसी तरह की विवाद था और ना ही बातचीत होता था। आखिरकार उन्होंने ऐसी वारदात को अंजाम क्यों दिया यह मुझे पता नहीं। लेकिन अभी भी विश्वास नहीं होता है कि मेरे बेटा के साथ बांटा मंडल ऐसे कर सकता है। पिता ने आगे बताया कि 7 साल बाद न्याय मिला है। न्यायालय पर मुझे नाज है। न्यायालय के इस फैसला से मैं काफी खुश हूं।
