आईआईएम बोधगया ने “भारत में एकीकृत देखभाल सेवाओं के भविष्य” पर केंद्रित हेल्थकेयर लीडरशिप शिखर सम्मेलन “कन्वर्जेंस” में स्वास्थ्य सेवा के भविष्य पर गंभीर चर्चा हुई। पैनल चर्चाओं ने स्वास्थ्य सेवा के भविष्य के लिए नवीन समाधान पेश करने और बहु-विषयक, प्रौद्योगिकी-संचालित और रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से गंभीर चुनौतियों का समाधान करने पर रोशनी डाली गई। आईआईएम बोधगया की निदेशक डॉ. विनीता सहाय ने कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया। उन्होंने देश में एक बेहतर स्वास्थ्य देखभाल संरचना की आवश्यकता के महत्व पर जोर दिया। स्वास्थ्य सेवा लीडर्स को तैयार करने के लिए शिक्षा जगत और उद्योग के बीच सहयोग पर भी जोर दिया। आईआईएम बोधगया में एमबीए- हॉस्पिटल और हेल्थकेयर मैनेजमेंट के चेयरपर्सन डॉ. स्वप्नराग स्वैन ने उद्योग विशेषज्ञों के सामने एमबीए-एचएचएम कोर्स को पेश कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उद्योग जगत के नेताओं ने कार्यक्रम, पाठ्यक्रम और उद्योग को एमबीए-एचएचएम कक्षा में लाने के अनूठे दृष्टिकोण की सराहना की। सम्मेलन में तीन पैनल चर्चाएं हुईं, जिसमें स्वास्थ्य सेवा उद्योग के लीडर्स ने बताया कि कैसे अस्पताल, फार्मा और जीवन विज्ञान, मेडटेक, स्वास्थ्य बीमा और चिकित्सा उपकरण जैसे कई सहयोग कर बेहतर रोगी-केंद्रित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकते है। वेलनेस उद्योग तेजी से विकसित हो रहा पहले पैनल में पीडब्ल्यूसी में हेल्थकेयर के सीनियर पार्टनर व लीडर डॉ. राणा मेहता, ओमेगा हेल्थकेयर में ग्लोबल एचआर के वाईस-प्रेजिडेंट डॉ. नितिन बरेकेरे रामचंद्र, आईकेएस हेल्थ में प्रोडक्ट मैनेजमेंट वाईस-प्रेजिडेंट गौरव मूंदड़ा, मेरिल में ताइवान के कंट्री हेड विक्रम पवार, टीडीआर एंटरप्राइजेज के फाउंडर और फिलिप्स हेल्थ सिस्टम्स के पूर्व वाईस-प्रेजिडेंट क्षितिज कुमार शामिल रहे। डॉ. नितिन बीआर ने कहा कि वेलनेस उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है और चैटबॉट्स जैसे सॉफ्टवेयर समाधानों ने नवाचार के नए अवसर खोले हैं। विकास के अवसर प्रदान करने पर विचार व्यक्त किए दूसरे पैनल में फोर्टिस हॉस्पिटल के सीएचआरओ श्री रंजन पांडे, आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस में स्वास्थ्य प्रबंधन के सीनियर वाईस-प्रेजिडेंट, डॉ. गौरव त्रिपाठी, नारायणा हेल्थ में भारत के लिए लीड टैलेंट एक्वीजीशन- श्री प्रेम आनंद और एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के सीनियर वाईस-प्रेजिडेंट सुमीत शारदा उपस्थित रहे। पैनल के सदस्यों ने एकीकृत देखभाल के लिए अस्पतालों और बीमा मॉडल को बदलने पर अंतर्दृष्टि प्रदान की। रंजन पांडे ने जनशक्ति चुनौतियों का समाधान करने के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए विकास के अवसर प्रदान करने पर विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि जैसे-जैसे उद्योग हाई-टच से हाई-टेक में स्थानांतरित हो रहा है, एक सामंजस्यपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल संरचना बनाने के लिए आवश्यक नीति समायोजन के साथ-साथ सामर्थ्य और दक्षता की प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए।
