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जेपी के व्यवस्था परिवर्तन का सपना अधूरा:मोतिहारी में मनाई गई 122वीं जयंती, सेनानियों को किया गया सम्मानित

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मोतिहारी में लोकनायक जय प्रकाश नारायण की 122वीं जयंती बड़े ही धूमधाम से चित्रांश परिवार की ओर से मनाई गई। इस दौरान शहर के चांदमारी चौक पर स्थित उनके प्रतिमा पर शहर के प्रसिद्ध डॉक्टर डॉ आशुतोष शरण ने माला पहना कर श्रद्धांजलि दी। मौके पर डॉक्टर आशुतोष शरण ने जयप्रकाश बाबू के जीवन और सम्पूर्ण क्रांति के विषय में बोलते हुए कहा कि जब इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाया था। उस समय लाखों सेनानियों को जेल में कैद किया गया था और फिर उसके बाद जयप्रकाश बाबू के कहने पर पूरा देश एकत्रित हुआ था और इमरजेंसी हटानी पड़ी थी। जयप्रकाश नारायण के व्यवस्था परिवर्तन का वह सपना आज भी अधूरा है। इसे समाज के हर वर्ग के लोगों को पूरा करने की जिम्मेवारी उठानी पड़ेगी। जयप्रकाश सेनानी प्रोफेसर विनय कुमार वर्मा ने उन दिनों की घटना पर प्रकाश डाला। वहीं सेनानी राय सुंदर देव शर्मा ने कहा कि आज भी देश में व्यवस्था परिवर्तन जरूरी है तभी सम्पूर्ण क्रांति का सपना पूरा होगा। नगर विधायक प्रमोद कुमार ने कहा कि आज विजया दशमी के दिन माता ने भी असुर शक्ति के खिलाफ एक क्रांति की थी। उनका सर्वनाश किया था। ठीक उसी तरह जयप्रकाश बाबू ने भी सम्पूर्ण क्रांति के माध्यम से देश में परिवर्तन लाया था। जो शायद अब भी पूरा ना हो सका है। चित्रांश परिवार के संयोजक गुड्डू श्रीवास्तव ने कहा कि आज भी जेपी बाबू हम लोगो के अंदर जिंदा है। हमें जरूरत है अपने आने वाले पीढ़ी को जयप्रकाश बाबू के बारे में जानकारी देने की और उनके संघर्ष और बलिदान के बारे मे बताने की।

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