राजद के प्रदेश महासचिव पंकज यादव को मुंगेर में बदमाशों ने दौड़ा-दौड़ाकर गोली मारी। टारगेट कर 3 राउंड फायरिंग की। लेकिन, वह बाल-बाल बच गए। मुंगेर में हुई इस घटना के दूसरे ही दिन पटना के बिहटा में बदमाशों ने आरजेडी नेता अजय कुमार को गोली मारी। वह भी बाल-बाल बच गए। बिहार में 9 महीने के अंदर अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से जुड़े 13 लोगों की हत्या हुई है। करीब 12 नेताओं की जिंदगी बड़ी मुश्किल से बची है। दैनिक भास्कर की इस एनालिसिस में पढ़िए प्रदेश के किस-किस जिलों में नेताओं की हत्या हुई है। विपक्ष लगातार सरकार को घेर रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को बुलेटिन जारी करना पड़ा। सबसे पहले इन 3 वारदात को जानिए वारदात- 1 घर के सामने बदमाशों ने मारी गोली 21 सितंबर को हाजीपुर में RJD नेता की हत्या की गई थी। वार्ड नंबर 5 के पार्षद और RJD नेता पंकज राय को बदमाशों ने गोली मारी थी। वे अपने घर के सामने कपड़े की दुकान पर खड़े थे। बाइक पर सवार 3 बदमाशों ने कई राउंड फायरिंग की थी। पंकज राय बचने के लिए घर की ओर भागे। लेकिन, 3 गोलियां लगने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वारदात- 2 पटना में भाजपा नेता की हत्या बदमाशों ने 9 सितंबर काे पटना में बीजेपी नेता की हत्या कर दी। अपराधियों ने भाजपा नेता व पटना सिटी चौक के नगर मंडल अध्यक्ष श्याम सुंदर उर्फ मुन्ना शर्मा को गोली मार दी थी। पटना सिटी के मंगल तालाब के पास श्याम सुंदर घर जाने के लिए ऑटो का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान 3 बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। पहले सिर में गोली मारी, फिर चाकू घोंपा था। वारदात – 3 नेताओं के मर्डर पर नहीं लग रहा विराम 2 सितंबर को मुंगेर में बेखौफ बदमाशों ने बीजेपी युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष बंटी सिंह उर्फ फंटूश की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वे अपने चार साल के बेटे के साथ दुकान पर सोए थे। बदमाशों ने बंटी को सिर में गोली मारी थी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। 16 अगस्त को सहरसा में बदमाशों ने दिनदहाड़े जदयू नेता जवाहर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। एक गोली उनके सिर में तो दूसरी उनके कंधे में लगी थी। बदमाशों ने उस वक्त गोली मारी, जब वह एक सैलून में सेविंग करा रहे थे। वारदात से पहले रेकी की गई 14 अगस्त को पटना सिटी के आलमगंज थाना क्षेत्र के बजरंगपुरी नहर के बीजेपी नेता सह डेयरी बूथ संचालक अजय साह की गोली मारकर हत्या की गई थी। वारदात को अंजाम रात 10 बजे दिया गया था। इस दौरान बीजेपी नेता अपनी डेयरी की दुकान पर बैठे थे। अजय शाह बिहार में पार्टी के महामंत्री भी रह चुके थे। 7 अगस्त को पश्चिम चंपारण में भितहा से जदयू के प्रखंड अध्यक्ष वैभव राव की हत्या की गई थी। घटना के समय वह सैलून में सेविंग करा रहे थे। बाइक सवार बदमाशों ने कई राउंड फायरिंग की थी। 26 जुलाई को पूर्वी चंपारण में भाजपा नेता सुरेश यादव की गोली मारकर हत्या की गई थी। बाइक सवार 3 बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। 5 जुलाई को अररिया में बीजेपी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष राजीव कुमार झा उर्फ पप्पू झा का शव उनके घर से थोड़ी ही दूरी पर पड़ोस में रहने वाले प्रकाश गुप्ता के घर मिला था। मृतक बीजेपी नेता के मुंह और नाक से खून निकल रहा था। पप्पू झा बीजेपी जिला कार्यसमिति के सदस्य थे। 3 जून को नालंदा में जदयू कार्यकर्ता अनिल कुमार की चुनावी रंजिश में हत्या की गई थी। घटना उस वक्त हुई, जब वे सुबह खेत की तरफ निकले थे। उन पर भाला, तलवार से हमला किया गया था। 28 मई को पटना यूनिवर्सिटी में बीए थर्ड ईयर के छात्र व छात्र नेता हर्ष की लॉ कॉलेज में पीट-पीटकर हत्या की गई थी। मर्डर के साथ नेताओं को धमकी भी मिल रही राज्य में सिर्फ नेताओं की हत्या ही नहीं हो रही है। बल्कि, हाल के दिनों में कई सांसद और मंत्री को जान से मारने की धमकी भी मिली है। 27 सितंबर को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को जान से मारने की धमकी दी गई थी। यह धमकी उनके प्रतिनिधि रहे अमरेंद्र कुमार अमर को पाकिस्तान के नंबर से कॉल करके दी गई थी। 2 सितंबर को बक्सर से राजद सांसद सुधाकर सिंह ने कैमूर जिले के रामगढ़ थाना प्रभारी पर धमकी देने का आरोप लगाया था। उन्होंने लॉ-एंड-आर्डर को लेकर फोन किया था। सवाल पूछते ही थाना प्रभारी भड़क गए थे। उन्होंने कहा था कि MP-MLA को पॉकेट में लेकर घूमता हूं। 27 अगस्त को अररिया सांसद प्रदीप सिंह को बम और गोली से उड़ाने की धमकी मिली थी। 28 अगस्त को केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पार्टी लोजपा-रामविलास के खगड़िया सीट से सांसद राजेश वर्मा को जान से मारने की धमकी मिली थी। पटना में 6 माह में हत्या के 172, लूट 108 और डकैती की 23 घटना पटना पुलिस का दावा है कि 6 माह में पुलिस ने हत्या, लूट और डकैती के 75 प्रतिशत, वाहन चोरी के 32 प्रतिशत, बंद घरों में चोरी के 18 प्रतिशत मामलों का खुलासा किया है। पटना पुलिस के ये आंकड़े जनवरी से जून 2024 तक के हैं। इसमें हत्या की 172, लूट की 108, डकैती की 23, बंद घरों में चोरी की 489 और वाहन चोरी की 2936 घटनाएं हो चुकी हैं। पटना जिले में चार एसपी हैं। इन छह महीनों में हत्या, लूट, डकैती और वाहन चोरी की सबसे अधिक घटनाएं एसपी पूर्वी के इलाके में हुई है। पटना पूर्वी में हत्या की 61, डकैती की 12, लूट की 36, गृहभेदन की 170 और वाहन चोरी की 1,392 घटनाएं हुई हैं। पटना में लॉ एंड ऑर्डर के लिए तीन एसपी को जिम्मेदारी मिली हुई है। अब जानिए तीनों एसपी के क्षेत्र में कितनी घटनाएं हुई है नरबलि ले रही है सरकार बिहार में नेताओं की लगातार हत्या पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सरकार को घेर रहे हैं। बुलेटिन भी जारी कर चुके हैं। उन्होंने कहा है कि ‘अगर बिहार के मुख्यमंत्री स्वस्थ हैं, तो फिर हर दिन सैकड़ों आम जनों की अपराधियों द्वारा ली जा रही नरबलि नजर क्यों नहीं आ रही? क्या वो प्रतिदिन ताबड़तोड़ गोलियों की गड़गड़ाहट और आम लोगों की चीखें नहीं सुन पा रहे हैं? तेजस्वी को बिहार से मतलब नहीं बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव बिहार की जनता को ठगने का काम कर रहे हैं। वह अभी विदेश में है, वही घूम रहे हैं, और मौज मस्ती कर रहे हैं। तेजस्वी यादव को बिहार से कोई मतलब नहीं है। यह बस ट्विटर और फेसबुक पर पोस्ट कर जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। तेजस्वी यादव को अपने पिता और माता जी के कार्यकाल को जानना चाहिए, कि उसे समय कितनी ज्यादा हत्याएं होती थी, जंगल राज जैसी स्थिति थी। अब जो भी घटनाएं हो रही हैं उसे पर सरकार तुरंत कार्रवाई कर रही है। लेकिन जब इनके पिता और माता जी की सरकार थी तब मुख्यमंत्री आवास में अपराधियों का अड्डा हुआ करता था।