बक्सर में दुर्गा पूजा को लेकर तैयारी चल रही है। कलश स्थापना के साथ ही नौ दिवसीय दुर्गा पूजा प्रारंभ हो गई है। पूजा में पंडाल को आकर्षक बनाने के लिए स्थानीय और बंगाल से आए हुए कलाकार दिन रात मेहनत करके अलग-अलग थीम पर मूर्तियां और पंडाल का रूप तैयार कर रहे हैं। जिला मुख्यालय में कुल 34 जगहों पर पूजा समितियों द्वारा पंडाल तैयार किया जा रहा है। कलाकार पंडाल के साथ मूर्तियों को अब अंतिम रूप देने के प्रयास में जुट गए हैं। इसी बीच जिले में एक अनोखे पंडाल को विज्ञान और प्रकृति के तर्ज पर दृश्य देने की तैयार चल रही है। इसी बीच नया बजार सब्जी मंडी में अनोखे अंदाज में पंडाल बनाया जा रहा है। अलग-अलग थीम पर बन रहा पंडाल बक्सर में इस साल बन रहे पांच पंडालों को लेकर मिली जानकारी में बताया गया है कि कहीं पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते पंडाल, तो कहीं आई एन एस विक्रांत पोत की थीम पर, तो कहीं अरब देश स्थिति बुर्ज अल अरब टावर के होटल के थीम पर बने पंडालों से मां भक्तों को दर्शन देंगी। शहर के नया बाजार सब्जी मंडी में श्री बाल नवदुर्गा पूजा समिति की ओर से हर साल की भांति इस साल भी अनोखा विज्ञान और प्रकृति के तर्ज पर पंडाल की दृश्य देने की तैयार चल रही है। जिसमें मुख्य पंडाल 30 फीट का होगा। जिसे ढ़ाई लाख रुपए की लागत से तैयार किया जायेगा। यहां आने वाले दर्शकों को सबसे आगे 30 फीट ऊंची भव्य शिवलिंग उसके बाद महाबली हनुमान मौजूद होंगे। शिवलिंग के नीचे से दर्शकों का प्रवेश और निकास होगा। आगे बढ़ने पर अयोध्या के मंदिर में बनें बाल रूप में भगवान श्री राम के दर्शन होंगे। बता दें कि पिछले साल यहां चांद पर उतरते चंद्रयान लैंडर बनाया गया था। जो इस साल दिखेगा। वहीं, आगे प्रदर्शित श्मशान और आदियोगी का स्वरूप दिखेगा, जहां भगवान शंकर और माता पार्वती विराजमान रहेंगे। दुबई के बुर्ज अल अरब टावर होटल की तरह दुर्गा पंडाल शहर के नया बाजार वार्ड संख्या 3 स्थित बाल युवा क्लब दुर्गा पूजा समिति की ओर से दुबई के बुर्ज अल अरब टावर की तरह पूजा पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है। पंडाल के अंदर यमुना नदी का दृश्य दिखेगा। जिसमें मां भगवती शेषनाग पर विराजेंगी। कृष्ण लीला के समय कृष्ण द्वार कालिया नाग के फन पर नृत्य करते नजर आएंगे। इस बार की सभी प्रतिमा का निचले हिस्से को नाग के शरीर जैसा बनाया गया है। जो लोगो को खूब आकर्षित करेगा। जिसे बनाने वाले बंगाल के मूर्तिकार अभिजीत पाल है। इस पंडाल निर्माण में 4 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसको लेकर समिति के कोषाध्यक्ष अनुराग शर्मा ने बताया कि हर साल यहां पर अलग-अलग स्वरूप में पंडाल बनाया जाता है। पिछले साल हावड़ा ब्रिज जैसा पंडाल का निर्माण किया गया था। उस समय पूरा पूजा में तीन लाख रुपए खर्च हुए थे। सबसे खास बात है कि पंडाल निर्माण के लिए यूपी और बंगाल से कारीगर नहीं बुलाए जाते हैं। समिति के सदस्य ही दिनों रात मेहनत कर पंडाल बनाते हैं। 35 वर्षों से यहां पर समिति के द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जा रही है।
