समस्तीपुर में सप्तमी के मौके पर गुरुवार को माता का पट खुलते ही पूजा-पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमरने लगी। चारों ओर देवी दुर्गा की मंत्र की धुनों से माहौल भक्ति में हो गया। दोपहर की आरती के साथ ही लोग पूजा पंडाल की ओर देवी प्रतिमा दर्शन के लिए पहुंचने लगे। उधर, महिलाएं भी माता का खोईंछा भरने के लिए पूजा पंडालों में देवी प्रतिमा के समक्ष पहुंचने लगी हैं। दोपहर की आरती समाप्त होते ही माता का खोईंछा भरने का कार्य शुरू हो गया। इस बार समस्तीपुर शहर में 16 और मुफस्सिल इलाके में 31 स्थानों पर पूजा पंडाल बनाया गया है। जहां माता की आराधना की जा रही है। 6 से अधिक जगह पर भव्य पूजा पंडाल का निर्माण किया गया है। जहां 10 लाख से अधिक रुपए खर्च हुए हैं। शहर के हाउसिंग बोर्ड मैदान में लाल किला का लुक पूजा पंडाल को दिया गया है। शहर के 12 पत्थर शिवकली दुर्गा पूजा समिति की ओर से अबू धाबी के हिंदू मंदिर का लुक दिया गया है। जिस पर करीब 15 लाख रुपया का खर्चा आया है। इसके अलावा मथुरापुर घाट पर राजस्थान के कालिका मंदिर का लुक दिया गया है। यहां भी करीब 10 लाख रुपए का खर्चा आया है। महिलाएं पूजा की शाली लेकर जुटने लगीं हैं महिलाएं पूजा की थाली में पान, केसली, अक्षत और प्रसाद लेकर जुटने लगी हैं। शहर के पुराने दुर्गा स्थान, 12 पत्थर, जितवारपुर हाउसिंग बोर्ड मैदान, शिव काली दुर्गा पूजा समिति, बस स्टैंड परिसर आदि पूजा पंडालों में महिलाओं की भीड़ देखने को मिली। बिशनपुर स्थित पूजा समिति की ओर से भव्य मेला का आयोजन किया गया है। एमएलसी डॉक्टर तरुण चौधरी ने फीता काटकर दुर्गा मेला का शुभारंभ किया गया। दुर्गाबाड़ी में नृत्य का आयोजन शहर के बहादुरपुर स्थित दुर्गाबाड़ी में बंगाली समाज की ओर से आयोजित दुर्गा पूजा के दौरान आज नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बंगाल के पुरोलिया से आए कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। जिसे देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो गए। पूजा समिति के सचिव राणा सरकार ने बताया कि अष्टमी-नवमी के दिन भी यहां भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बंगाली समाज से जुड़े बच्चों की ओर से रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
