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सांसद पप्पू यादव का सरकार पर हमला:बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बांटे नाव, राहत कैंप को लेकर सरकार पर लगाया खानापूर्ति का आरोप

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पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव बिहार में आए बाढ़ को लेकर काफी चिंतित हैं। वे लगातार सीमांचल और मिथिलांचल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर रहे हैं। वहीं, बाढ़ से बिगड़े हालात पर अब सांसद पप्पू यादव ने सरकार पर जमकर हमला बोला है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे राहत सामग्री और कम्युनिटी किचन को लेकर भी वे खूब बरसे। अर्जुन भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सांसद पप्पू यादव ने कहा कि इन दिनों कोसी सीमांचल सहित पूरे बिहार में बाढ़ से लोग पीड़ित हैं। राहत के नाम पर सरकार से लेकर अधिकारी तक महज खानापूर्ति कर रहे हैं। जनता दाने-दाने के लिए तरस रही है। जबकि सरकार के पैसे पर जनता का हक और अधिकार है। राहत शिविर के नाम पर शून्य है। जहां भी बाढ़ ग्रसित क्षेत्र में शिविर लगाया गया है और कम्युनिटी किचन लगाया गया है, वहां पर बाढ़ पीड़ित भूखे रहने पर मजबूर हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सूखा राशन की कोई व्यवस्था नहीं है। जहां तक संभव है, वे और उनके लोग बाढ़ में पीड़ितों तक मदद पहुंचा रहे हैं। अगर सरकार यह सब करती तो शायद मुझे यह नहीं करना पड़ता। केंद्र हो या राज्य सरकार जनता की हकमारी करने में जुटी है। सरकार की कुर्सी पर बैठे नेता जनता से वोट तो ले लेते हैं, लेकिन जीतने के बाद वो जनता के मालिक बन जाते हैं। पीने के लिए पानी और भोजन की नहीं है व्यवस्था बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में लोगों को पीने के लिए पानी और भोजन तक की व्यवस्था नहीं है। राहत शिविर में जनरेटर और हैंडपंप तक नहीं। सरकार की उदासीनता को देखते हुए, मैंने अपने खर्च से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पीने के लिए पानी, हैंडपंप और जनरेटर की सुविधा उपलब्ध कराई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में लोगों के घर पानी में ध्वस्त हो गए और फसल भी पूरी तरह नष्ट हो गई है। लोगों के पास रहने के लिए अपना घर तक नहीं है। ऐसे में सरकार से उनकी मांग है कि सरकार सभी बाढ़ पीड़ितों को दो-दो लाख का मुआवजा दे। उनके ध्वस्त हुए घर को फिर से बनवाए। केंद्र और राज्य सरकार वोट बैंक की राजनीति करना बंद करे। बाढ़ पीड़ितों को बांटा नाव आगे उन्होंने कहा कि श्रीनगर प्रखंड के सिंधिया पंचायत के पटना रेहका गांव में बाढ़ से बदतर हालात थे। जिसे देखते हुए उन्होंने ग्रामीणों को निजी कोष से नाव भेंट किया। इस पहल का उद्देश्य बाढ़ में फंसे लोगों तक राहत सामग्री, भोजन, दवा और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इससे पहले धमदाह प्रखंड के मीरगंज डुबबा घाट, कोढा और अन्य कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में भी उन्होंने नाव भेंट किया है। बाढ़ पीड़ितों की सेवा मेरा परम धर्म बाढ़ग्रस्त इलाके को लेकर वे बेहद चिंतित हैं। बाढ़ राहत कार्य में कोई कोताही ना हो और अधिक से अधिक लोगों तक मदद पहुंचाई जाए, इसके लिए वे प्रतिबद्ध हैं। वे देश के अकेले ऐसे जनप्रतिनिधि हैं, जो लगातार जनता के बीच रह कर उनकी सेवा कर रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों की सेवा मेरा परम धर्म है। यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र के भेदभाव से परे, मेरा पहला लक्ष्य सभी की मदद करना है।

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