मधुबनी के सिजौल निवासी और ब्रिटिश लिंगुआ के संस्थापक डॉ. बीरबल झा ने स्टार्टअप दिवस पर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। ‘हाऊ टू स्क्रैच द इच टू लांच ए स्टार्टअप’ विषय पर आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में उन्होंने कहा कि भारत में आज भी गुलामी की मानसिकता का प्रभाव है। डॉ. झा ने बताया कि एक समय भारत का विश्व व्यापार में 30 प्रतिशत हिस्सा था, जो अब घटकर मात्र 3 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा कि युवा एक नौकरी के लिए दुनिया भर में भटकते हैं, लेकिन स्वयं रोजगार सृजन के बारे में नहीं सोचते। स्टार्टअप के मामले में भारत 19 स्थान पर यंगेस्ट लिविंग लेजेंड ऑफ मिथिला से सम्मानित डॉ. झा ने बताया कि 2016 में प्रधानमंत्री की शुरू की गई स्टार्टअप इंडिया योजना का उद्देश्य नौकरी मांगने वालों के बजाय नौकरी देने वालों का देश बनाना है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला हमारा देश स्टार्टअप के मामले में विश्व में 19वें स्थान पर है। पिछड़े राज्यों में स्टार्टअप को बढ़ावा देने जरूरी स्टार्टअप के क्षेत्र में बेंगलुरु देश में आगे है। डॉ. झा ने बिहार जैसे आर्थिक रूप से पिछड़े राज्यों में स्टार्टअप को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में स्टार्टअप के लिए मजबूत बाजार और अनुकूल परिस्थितियां मौजूद हैं, बस आवश्यकता है विश्वास का माहौल बनाने की।
