पटना में जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और बीजेपी नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह(आरसीपी सिंह) के समर्थन में एक पोस्टर लगा है। जिस पर लिखा है, ‘टाइगर अभी जिंदा है…टाइगर रिटर्न्स।’ पोस्टर शंकर पटेल और अमर सिन्हा ने लगवाया है। उनकी व्यक्तिगत महात्वाकांक्षा है- बीजेपी पोस्टर पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश ने कहा कि आरसीपी सिंह फिलहाल पार्टी में हैं। बिहार के बड़े चेहरा हैं। लंबे समय तक प्रशासनिक पदाधिकारी रहे हैं। मंत्री और सांसद भी रह चुके हैं। मुझे लगता है यह उनकी व्यक्तिगत महात्वाकांक्षा है। जहां तक पोस्टर की बात है, समय-समय पर समर्थक ऐसा करते रहते हैं। आरसीपी टैक्स अभी जिंदा है- भाई वीरेंद्र वहीं, आरजेडी के सीनियर नेता और मनेर से विधायक भाई वीरेंद्र ने इस पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि ये पोस्टर बता रहा है कि आरसीपी टैक्स अभी जिंदा है। अभी वसूली हो रहा है और टैक्स लग रहा है। आरसीपी सिंह ने 5 अगस्त 2022 में जेडीयू से इस्तीफा दिया था। जेडीयू छोड़ने के ठीक 9 महीने बाद 11 मई 2023 को दिल्ली में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली थी। बीजेपी के सीनियर नेता धर्मेंद्र प्रधान ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया था, लेकिन पार्टी में भी उचित स्थान नहीं मिलने की वजह से हाशिए पर चल रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि आरसीपी सिंह एक बार फिर से सक्रिय होने वाले हैं। जल्द ही नई पार्टी की घोषणा करेंगे। जिसको लेकर तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। यही वह वजह है कि समर्थकों की ओर से आरसीपी सिंह की तस्वीर के साथ पटना की सड़कों पर पोस्टर लगाए गए हैं। जदयू ने लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप जदयू ने 2022 में उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। जदयू के कार्रवाई का आधार उनकी और उनके घर वालों की संपत्ति में वृद्धि बताई गई थी। दिलचस्प यह है कि संपत्ति का ब्योरा जदयू के नेताओं ने जुटाया था। उनके अनुसार आरसीपी और उनके घर वालों ने 2013 से 2022 तक नालंदा जिले में सिर्फ दो प्रखंड अस्थवां और इस्लामपुर में करीब 40 बीघा जमीन खरीदी थी। कई और जिलों में भी उनकी संपत्ति होने की बात कही गई थी। पार्टी ने इसे भ्रष्टाचार के मोर्चे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जीरो टॉलरेंस की नीति के खिलाफ माना है। अपने ही पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ जांच करने और उनसे भ्रष्टाचार संबंधी सवाल जवाब करने वाली जदयू हालिया वर्षों में देश की पहली पार्टी थी। आरसीपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिसके बाद आरसीपी सिंह ने सादे कागज पर इस्तीफा दिया था। यूपी कैडर के IAS अफसर थे रामचंद्र प्रसाद सिंह यानी RCP सिंह 1984 बैच के IAS अधिकारी रह चुके हैं। नीतीश कुमार के स्वजातीय हैं और उनके गृह जिले नालंदा के ही निवासी है। RCP उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी थे। नीतीश जब केंद्र में मंत्री बने तब उन्हें उत्तर प्रदेश से लाकर अपना सचिव बनाया। उसके बाद जब बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली तो फिर से उन्हें उत्तर प्रदेश से बुलाकर अपना प्रधान सचिव बनाया। फिर नीतीश कुमार ने जदयू का सुप्रीमो भी RCP को बनाया था, लेकिन बाद में दोनों में दूरियां बढ़ गईं। आरसीपी सिंह की बेटी आईपीएस, दामाद IAS रामचंद्र प्रसाद सिंह की दो बेटियां हैं। एक बेटी लिपि सिंह बिहार की चर्चित IPS अधिकारी हैं। पटना के बाढ़ में ASP और मुंगेर और सहरसा में SP की जिम्मेदारी निभा चुकी हैं। लिपि सिंह के पति सुहर्ष भगत आईएएस हैं। फिलहाल औरंगाबाद के जिलाधिकारी हैं।
