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दिखाया आईना:आईडीए को प्रमुख सचिव की फटकार- सड़क व फ्लायओवर से ही नहीं होगा इंदौर का विकास

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रोजगार बढ़ाने वाली, शिक्षा, खेल व सेहत की सुविधा पर भी काम हो इंदौर विकास प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा के लिए आए प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन संजय शुक्ला ने जमकर फटकार लगाई। उनका कहना था कि हर बार समीक्षा में फ्लायओवर और सड़क के अलावा कुछ नहीं होता है। इनका इंपेक्ट असेसमेंट करें। इनसे कितने रोजगार मिलेंगे, इनमें लोगों को मेडिकल, खेल, शिक्षा से संबंधित क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी यह भी दिखाएं। कलेक्टर आशीष सिंह और सीईओ आरपी अहिरवार मौजूदगी में प्रमुख सचिव शुक्ला ने कहा कि अब समय है, इंदौर के लिए वियाना, विम्बलडन की तरह प्लानिंग की जाए। वह एक गांव है, लेकिन 13 हेक्टेयर की योजना ने तस्वीर बदल दी। इंदौर के लिए ऐसा प्लान करें, जिससे निवेशकों के सामने एक स्वच्छ, स्वस्थ और रहने लायक शहर की तस्वीर पेश की जा सके। विकास प्लान में सड़क व फ्लाय ओवर के साथ लोगों के लिए रोजगार के अवसर कैसे बनेंगे इस पर भी सोचें। प्लानिंग ऐसी करें, जिससे स्वच्छता में नंबर वन शहर की देश के शीर्ष 10 शहरों गिनती हो सके। चार दिन में प्लान भेजे। आसपास भी बहुत संभावना- शुक्ला ने कहा, इंदौर के आसपास हातोद जैसे स्थान हैं, इनको शहर में बदलने के लिए योजना बनाएं। अरबन डेवलमेंट से संबंधित कन्सल्टेंट लाएं। बीआरटीएस की तरह केबल कार भी असफल योजना न बन जाए
केबल कार योजना पर अफसरों ने शुक्ला को बताया कि इसके दो रूट की डीपीआर तैयार कर रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा, बीआरटीएस की तरह यह भी असफल योजना न बन जाए, इसका ध्यान रखें। इसके लिए उपर चढ़ना होता है, लोग कैसे चढ़ेंगे। स्टेशन कैसे बनेंगे? इसकी लागत भी देखना चाहिए। उन्होंने कहा, इंदौर का मास्टर प्लान भी जल्द लाना होगा। इसके लिए लोगों से सुझाव लें।

बीआरटीएस पर अन्य विकल्प भी देंखे
बैठक में बीआरटीएस पर भी चर्चा हुई। प्रमुख सचिव ने कहा, जिस तरह से ट्रैफिक के डाटा सामने आए हैं, उससे तो फ्लाय ओवर के अलावा अन्य विकल्प बना कर भी ट्रैफिक दबाव कम कर सकते हैं। जीपीओ पर दबाव कम है तो आसपास की सड़कें बना सकते हैं। रसोमा से मालवा मिल तक विकल्प बना सकते हैं। अंडरपास की संभावना देखें। बायपास व सुपर कॉरिडोर पर पानी कैसे मिलेगा?
अहिल्यापथ योजना- प्रमुख सचिव ने पूछा इसके दूसरी ओर क्या प्लान किया? अफसरों ने कहा, दूसरी ओर जमीन का उपयोग कृषि है। प्रमुख सचिव ने कहा, कृषि उपयोग की जमीन के भी कई उपयोग है। आवासीय, कमर्शियल के अलावा भी सोचें। प्ले ग्राउंड बन सकते हैं, पार्क बन सकते हैं। एम्युजमेंट सेंटर बन सकते हैं। भोपाल, रतलाम में हमने प्रयोग किए हैं। टीपीएस योजनाएं आईडीए ने प्रचलित योजनाओं में चल रहे काम का प्रस्तुतिकरण दिया। प्रमुख सचिव ने कहा, इनका इंपेक्ट असेसमेंट किया क्या किसी ने? इनसे लोगों को कितना फायदा होगा? कितने लोगों को रोजगार मिलेंगे? यहां क्या-क्या गतिविधियां हो सकेंगी? पानी कैसे मिलेगा? बायपास व कॉरिडोर पर योजनाएं तैयार कर ली है। इनमें पानी कैसे मिलेंगा इसकी क्या योजना तैयार की है, ये बताएं।
सीनियर सिटीजन बिल्डिंग- यह प्रयोग अच्छा किया, इस तरह के भवन और बनाएं, उनके संचालन की नीति तैयार करें।

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