भोपाल के विज्ञान भवन में आज सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर मीट का आयोजन हुआ। सम्मेलन में पूरे मध्य प्रदेश से करीब 300 सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर को बुलाया गया था। विभिन्न सत्रों में अतिथियों ने कंटेंट क्रिएटर्स को नरेटिव बिल्डिंग और 4th जेनरेशन वॉरफेयर के बारे में जानकारी दी। विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित मीट में मानवधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो सहित बउआ के नाम से मशहूर डिजिटल कंटेंट क्रिएटर RJ रौनक, प्रचय्म OTT के फाउंडर प्रवीण चतुर्वेदी और op india की संपादक नूपुर जे. शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। उद्घाटन सत्र में मीडिया एक्टिविस्ट हेमंत मुक्तिबोध ने कहा कि आज के समय में सूचना और संवाद के लिए सोशल मीडिया महत्वपूर्ण साधन है। लेकिन इस साधन का उपयोग करते समय हमें ज्ञान और सूचना के साथ विवेक का उपयोग करना चाहिए। आज के समय में सोशल मीडिया छवि बनाने और बिगाड़ने का महत्वपूर्ण साधन है। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में OP India की एडिटर नूपुर जे. शर्मा ने कहा कि पहले जो भूमिका मीडिया की होती थी वो आज के समय में सोशल मीडिया की है। इसलिए सोशल मीडिया के कंटेंट क्रिएटर्स की यह जिम्मेदारी है कि वह समाज में सकारात्मक परिवर्तन का जरिया बनें। उन्होंने कहा कि अपनी बात को तथ्यों के साथ प्रस्तुत करें। पहले हिन्दू विरोधी कंटेंट होता था ओटीटी प्लेटफार्म प्राच्याम के संस्थापक और एआई कंटेंट एक्सपर्ट प्रवीण चतुर्वेदी ने प्रतिभागियों को कंटेंट क्रिएशन में एआई तकनीक का उपयोग करने के गुर सिखाए। उन्होंने बताया कि एक समय पर कंटेंट के माध्यम से ही समाज में हिन्दू विरोधी नरेटिव गढ़ने के सफल प्रयास होते थे। लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं। वायरलिटी की दौड़ में शामिल न हों, रियलिटी का साथ दें RJ रौनक ने कहा कि आज के समय में इन्फ्लुएंसर अपने कंटेंट को वायरल करने के लिए रियलिटी से काफी दूर चलते जाते हैं। जिसके कारण कई बार ऐसा होता है कि हम कंटेंट क्रिएशन करते–करते अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों से भी दूर होने लगते हैं। इससे बचने के लिए उन्होंने DHYAN का फॉर्मूला दिया, जिसका अर्थ है- धर्म, हित, योग, अनुसरण और न्याय। उन्होंने कि हम सोशल मीडिया कंटेंट का निर्माण करते हुए इन पांचों चीजों काे ध्यान में रखेंगे तो जरूर सफल होंगे। अब युद्ध हमारे और आपके मन के भीतर है- प्रियांक समापन सत्र में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कहा कि सोशल मीडिया के इस युग में सत्य कुछ भी नहीं। तर्कपूर्ण तथ्य ही सत्य माना जाता है। हम सभी जिस भी तरीके से काम करते हैं वहां हमें यह देखना है कि हम जिस विषय में बात कर रहे हैं, वह बात तार्किक और तथ्यात्मक रूप से कितनी सही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समय के साथ संवाद करने के साधनों में और लोगों को जागृत करने के संसाधनों में भी बदलाव आया है। इसमें सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका है। हमारी जिम्मेदारी ये भी है कि हम सूचना के साथ भारत के लोगों के अंदर भारतीयता का भाव जागृत करें। नरेटिव वॉरफेयर के बारे में बात करते हुए प्रियांक ने कहा कि अब युद्ध भौगोलिक सीमाओं पर नहीं बल्कि नागरिकों के मन में लड़ा जाता है। इस युद्ध में शरीर नहीं मरता बल्कि हमारी वो बुद्धि मार दी जाती है जिससे हम अपने देश के हित में सोच सकें। प्रियांक कानूनगो ने आगे भाषण में कहा कि सोशल मीडिया पर कंटेंट बनाने वालों की सबकी ये जिम्मेदारी है कि वे राष्ट्र के हित में कंटेंट बनाएं। सभ्यताओं के इस नरेटिव वॉर में तटस्थ रहने वालों को इतिहास अपराधी ही कहेगा। 16 जिलों से 350 से अधिक प्रतिभागी हुए शामिल कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के 350 से अधिक चयनित सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शामिल हुए थे। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर प्रशांत ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के लिए डिजीटल प्लेटफार्म पर कार्य करते–करते कैसे सामाजिक परिवर्तन के कारण बने इस बात की दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। सम्मेलन में हिस्सा लेने आईं कंटेंट क्रिएटर हर्षा ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में उन्हें AI से वीडियोज बनाने के बारे में सीखने को मिला। साथ ही पूरे प्रदेश से आए यूथ के साथ देश की जिम्मेदारियों को भी समझने का मौका मिला।
