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मेट्रो, हाईस्पीड ट्रेन, स्मार्ट-सिटी और निवेश में जापान देगा सहयोग:इंदौर में हुकुमचंद मिल की जमीन पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, रिहायशी प्रोजेक्ट को कैबिनेट की मंजूरी

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मोहन यादव सरकार ने इंदौर की हुकुमचंद मिल की 17.52 हेक्टेयर जमीन पर कॉमर्शियल और रेसिडेंशियल आवास निर्माण के साथ बड़े शॉपिंग कॉम्पलेक्स के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही ड्रोन संवर्धन और सेमी कंडक्टर नीति समेत पीएम आवास योजना 2.0 को भी मंजूरी दे दी गई है। हुकुमचंद मिल के लिए त्रिपक्षीय समझौते के आधार पर काम किया जाएगा। सरकार इस प्रोजेक्ट में ग्रीनरी पर खास फोकस करेगी। इस मिल की 450 करोड़ रुपए की देनदारी सरकार दे चुकी है। सीएम के जापान की पांच दिन की यात्रा से लौटने के बाद हो रही पहली कैबिनेट बैठक में मोहन यादव ने मंत्रियों के साथ दौरे के अनुभव साझा किए। इस दौरान जापान की संस्कृति पर चर्चा हुई, साथ ही मुख्यमंत्री ने 24 और 25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जापान द्वारा किए जाने वाले संभावित निवेश की जानकारी दी। एमपी में कई सेक्टर में जापान सहयोगी
मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में GIS की तैयारियों से जुड़ी कई नीतियों को मंजूरी दी गई। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का जापान भी पार्टनर है। भोपाल-इंदौर के बीच मेट्रो रेल प्रौद्योगिकी, स्मार्ट सिटी, शहरी विकास प्लानिंग पर जापान ने सहमति दी है। साथ विशेष चैनल स्थापित करने, हाईस्पीड ट्रेन कॉरिडोर, स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर जापान सहयोग करेगा। कपास से कपड़ा और उससे रेडीमेड गारमेंट बनाने में भी जापान सहयोगी बनेगा। उज्जैन मेडिकल पार्क में यूनिट लगाने, ईवी मैन्युफैक्चरिंग में भी जापान ने सहमति दी है। नई उत्पादन लाइन में भी सहयोग करने का आश्वासन दिया है। सेमी कंडक्टर पॉलिसी बढ़ाएगी इको सिस्टम कैबिनेट ने आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की मध्य प्रदेश सेमीकंडक्टर नीति 2025 को मंजूरी दे दी है। इस नीति में इन्वेस्ट को बढ़ावा देने का काम होगा। कई राज्यों की पॉलिसी का अध्ययन करने के बाद यह नीति बनाई गई है। जीआईएस में दो हजार करोड़ तक का निवेश हो सकता है। रोजगार ज्यादा नहीं मिलता लेकिन एक इकोसिस्टम तैयार होता है। ड्रोन पॉलिसी को मिली मंजूरी, कई मामलों में फायदेमंद मोहन सरकार ने आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन और उपयोग नीति 2025 जारी कर दी है। विजयवर्गीय ने कहा कि, ड्रोन समाज के हर वर्ग से जुड़ गया है। कानून व्यवस्था का मामला हो या महाकुंभ जैसे आयोजन हों, खेती किसान सब जगह ड्रोन काम कर रहा है। किसानों को यूरिया के छिड़काव में भी यह काफी मददगार है। ड्रोन स्कूल, ड्रोन इन्फ्रास्ट्रक्चर, परिचालन, मार्केटिंग सपोर्ट, पेंटेंट, ड्रोन कौशल, पारिस्थितिक तंत्र समेत अन्य मामलों में ड्रोन नीति को मंजूरी दी गई है। एजुकेशन में भी ड्रोन को शामिल किए जाने पर सरकार का फोकस है। इससे नए अवसर मिलेंगे और प्रदेश के विकास व रोजगार में यह नीति सहायक होगी। पीएम आवास योजना 2.0 को कैबिनेट ने दी मंजूरी
विजयवर्गीय ने बताया कि, पीएम आवास योजना के पहले चरण में साढ़े 8 लाख आवास बना चुके हैं। देश में एमपी दूसरे नम्बर पर रहा है। पीएम आवास योजना 2.0 में देश भर में एक करोड़ मकान बनाए जाने हैं। इसमें से दस लाख आवास एमपी में बनाए जाने हैं। अफोर्डेबल हाउसिंग के साथ अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग के अंतर्गत भी इस योजना में आवास बनाकर दिए जाने का फैसला हुआ है। छात्र और कामकाजी महिलाएं भी इन आवासों में रह सकेंगी। आज कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है। कल्याणी महिलाओं, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक, ट्रांसजेंडर के साथ सफाई कर्मी, पीएम स्वनिधि के स्ट्रीट वेंडर, पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभान्वित, निर्माण श्रमिक, मलिन बस्तियों के रहवासियों समेत अन्य को यह आवास दिए जा सकेंगे। हुकुमचंद मिल की देनदारी निपटाने को मिलेगी मंजूरी इंदौर स्थित नगर निगम इंदौर के स्वामित्व वाली हुकुमचंद मिल की जमीन पर हुकुमचंद मिल (परिसमापन के अंतर्गत) देनदारियों के निपटान और भूमि पर नई परियोजना के क्रियान्वयन को मंजूरी दी गई है। इससे बीस से 25 हजार लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। 17.52 हेक्टेयर जमीन थी। 450 करोड़ रुपए की देनदारी थी और उसका पैसा भी हाउसिंग बोर्ड ने दी है। अब उस जमीन पर वर्ल्ड क्लास कंस्ट्रक्शन की तैयारी थी। नगर निगम ने इसके लिए प्रस्ताव दिया है जो अब हाउसिंग बोर्ड को ट्रांसफर होगी। त्रिपक्षीय समझौता हुआ है। साढ़े से चार हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट होगा और दस हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। जीएसटी भी सरकार को मिलेगा। इसमें कॉमर्शियल और रेसीडेंशियल कंस्ट्रक्शन करने के साथ शहर के बीच की जमीन होने के कारण ग्रीनरी का भी ध्यान रखा जाएगा। कैबिनेट में जनकल्याण शिविर का दिया ब्योरा
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि, केंद्र के बजट के बाद मध्यप्रदेश में शुरू होने वाले नए मिशन के कामों में तेजी आएगी। कैबिनेट बैठक में जन कल्याण अभियान के दौरान आयोजित 30,716 शिविरों की समीक्षा की गई, जिनमें 42.96 लाख आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 41.71 लाख आवेदनों को स्वीकृत कर संबंधित समस्याओं का निराकरण किया गया। सबसे अधिक 9.91 लाख आवेदन आयुष्मान भारत योजना के तहत प्राप्त हुए, जिनमें से 9.81 लाख स्वीकृत किए गए। इसी तरह, 8.64 लाख आवेदन खसरा-खतौनी की प्रति, 3.24 लाख आवेदन नक्शे की प्रति, 2.7 लाख आवेदन एनओसी और 2.2 लाख आवेदन निर्माण श्रमिकों के पंजीयन के लिए मिले। भोपाल में सबसे अधिक 2.40 लाख आवेदन प्राप्त हुए।

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