खुरई में आयोजित डोहेला महोत्सव-2025 के समापन दिन गुरुवार रात बॉलीवुड के मशहूर गायक सुखविंदर सिंह ने अपनी शानदार प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत रंगीन आतिशबाजी के साथ हुई, जिसके बाद सुखविंदर ने ‘छैंया छैंया’ गीत से अपनी प्रस्तुति आरंभ की। उन्होंने मंच से कहा कि भले ही वे मुंबई में रहते हैं और पंजाब में जन्मे हैं, लेकिन मप्र का गेहूं खाते हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक भूपेन्द्र सिंह ने सरस्वती वंदना और कन्यापूजन के साथ किया। उन्होंने महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि अगले साल से डोहेला महोत्सव शिवरात्रि के अवसर पर 5 दिनों तक मनाया जाएगा। संक्रांति का मेला पहले की तरह प्रतिवर्ष आयोजित होता रहेगा। सुखविंदर के गानों पर छूमे लोग सुखविंदर ने अपने प्रसिद्ध गीतों की शानदार प्रस्तुति दी, जिनमें ‘मैं रमता जोगी’, ‘हौले हौले’, और ‘बनठन चली’ जैसे हिट गीत शामिल थे। उनकी प्रस्तुति में नए साजिंदों ने भी अपना जलवा दिखाया। कड़ाके की सर्दी में भी दर्शक उनके गीतों पर झूमते रहे। सुखविंदर की आवाज के आरोह-अवरोह और उनके संगीत के नए प्रयोगों ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया। उनकी लगातार हिट गीतों की प्रस्तुति ने महोत्सव के समापन को भव्य बना दिया। ग्रीन ग्रास के ओपन ग्राऊंड में उन्होंने गाया “न हगिलास न गिलाफ ठंडी हवा भी खिलाफ ससुरी… बीड़ी जलई ले जिगर से पिया जिगर में बड़ी आग है।“ इस गाने में उनके गीत के साथ झूमते गाते दर्शकों में करंट जैसा फैल गया। आयो रे आयो ढोलना में ढोल नगाड़ों के साथ दर्शकों को मंच के साथ नाचते देखना जोश भरा अनुभव था। इसके साथ ही कई गानों को गाया। फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित हैं सुखविंदर सुखविंदर सिंह को बॉलीवुड में पार्श्वगायन के लिए जाना जाता है। ’दिल से’ फिल्म के उन्हें छैंया छैंया गाने से उन्हें प्रसिद्धि मिली जिसके लिए उन्होंने 1999 फिल्मफेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक का पुरस्कार जीता है। सुखविंदर सिंह ने फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर में मशहूर “जय हो“ गीत गाया जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए ग्रैमी अवार्ड मिला। उन्हें अपने गायन के लिए कुल दो फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी मिले हैं। तीन दिन चले डोहेला महोत्सव को प्रसिद्ध होस्ट प्रिया बरडे ने होस्ट किया।
