Drishyamindia

रिलेशनशिप- माता-पिता बच्चों को सिखाएं रिश्तों और त्योहार का महत्व:बच्चों को सिखाना है परंपराओं-रिश्तों के महत्व, तो त्योहारों पर कराएं ये काम

Advertisement

बचपन जीवन का सबसे खूबसूरत समय होता है। याद हैं वो पल, जब हम त्योहारों, मेलों और बाजारों में लगने वाली रौनकों का बेसब्री से इंतजार करते थे। त्योहारों के आने से पहले उसकी तैयारियों में लग जाना, मम्मी के साथ नए कपड़े खरीदने जाना, मिठाइयां खाना, आतिशबाजी देखना, बाजार घूमने जाना, परिवार के साथ समय बिताना और पता नहीं कितनी अनगिनत यादें हमारे दिल में आज भी बसी हैं। बचपन में त्योहारों का महत्व और उत्साह कुछ और ही होता है। बचपन की यादें हमें हमेशा याद दिलाती हैं कि जीवन में खुशियां और उत्साह कितने जरूरी हैं। त्योहारों का समय हमें उन खुशियों को फिर से जीने का मौका देता है। आज भी जब त्योहार आते हैं तो बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं। लेकिन आज के आधुनिक युग में जहां बच्चों की आधी दुनिया मोबाइल और लैपटॉप हो गई हैं, ऐसे में उन्हें त्योहारों और रिश्तों का महत्व समझाना बहुत जरूरी है। तो आज रिलेशनशिप में हम बात करेंगे कि बच्चों को अपनी परंपराओं, रिश्तों और त्योहारों के बारे में सिखाना क्यों जरूरी है। साथ ही जानेंगे कि बच्चों को यह सिखाने के लिए माता-पिता क्या कर सकते हैं। बच्चे क्यों हो रहे परंपराओं से दूर वैसे तो बड़ों से ज्यादा बच्चे ही त्योहारों का आनंद लेते हैं। लेकिन आजकल बच्चों की उत्सुकता और ऊर्जा सिर्फ टेक्नोलॉजी में खर्च हो रही है। साथ ही बच्चों पर पढ़ाई का प्रेशर और आधुनिकता का प्रभाव इतना ज्यादा है कि वे परंपराओं और त्योहारों से दूर हो रहे हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसेकि- बच्चों को कैसे सिखाएं त्योहार और रिश्तों का महत्व त्योहार लोगों को एकजुट करते हैं और समाज में अपनेपन की भावना जगाते हैं। ऐसे में बच्चों को इसके बारे में जानना जरूरी है। बच्चों को अपनी परंपराओं, त्योहारों के बारे में बताना माता-पिता की ही जिम्मेदारी है। लेकिन कई बार बच्चे पेरेंट्स की बात नहीं सुनते हैं। ऐसे में चाइल्ड काउंसलर डॉ. जगमीत कौर चावला कुछ रचनात्मक तरीकों के बारे में बताती हैं, जिससे माता-पिता अपने बच्चों को त्योहार और परंपराओं का महत्व सिखा सकते हैं। वे बच्चों की रुचि को समझें और उनकी भाषा में बात कर सकते हैं। उन्हें त्योहारों के बारे में रोचक कहानियां सुना सकते हैं। नीचे ग्राफिक में विस्तार से जानिए कि किस तरह आप अपने बच्चों को त्योहार का महत्व सिखा सकते हैं- बच्चों को त्योहारों के बारे में सिखाना क्यों जरूरी है त्योहार बच्चों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। त्योहारों से ही खुशियां हैं, त्योहारों से ही रोनक है और पर्व और त्योहारों से ही सबके साथ होने का एहसास भी। जब त्योहार आते हैं तब घर पर रिश्तेदारों का आगमन, दोस्तों के खाना-पीना और घूमना और ढेर सारी मस्ती से भरे पलों के साथ माहौल खुशनुमा हो जाता है। वहीं बच्चों के लिए त्योहार मौज-मस्ती का वो पल है जिसमें सिर्फ खुशी और मिठास है। वे न केवल इसको भरपूर इंजॉय करते हैं बल्कि अपनी परंपराओं और संस्कृति के बारे में भी सीखते हैं। उन्हें परिवार के साथ त्योहारों पर रहने और खुशियां बांटने का महत्व समझ आता है। त्योहारों के बारे में जानने से बच्चों का मानसिक विकास भी होता है और वे अपने आसपास की दुनिया के बारे में ज्यादा जान पाते हैं। इन आसान तरीकों से भी आप अपने बच्चों को त्योहारों के बारे में बता सकते हैं- 1. सबसे पहले बच्चों की उम्र और समझ के अनुसार जानकारी दें। उन्हें त्योहारों के बारे में जानने के लिए प्रेरित करें, न कि मजबूर करें। 2. बच्चों की रुचि और जिज्ञासा को बढ़ावा दें। उन्हें कहानियों के जरिए आप उन्हें अलग-अलग त्योहारों के बारे में बता सकते हैं। 3. जिन बच्चों को वीडियोज और फिल्में देखना पसंद हैं, आप उन्हें इनके जरिए त्योहारों के बारे में बता सकते हैं। इससे बच्चे जल्दी सीख भी सकते हैं। 4. घर में ही खेल और अन्य गतिविधियों के जरिए आप बच्चों को त्योहार के बारे में बता सकते हैं। 5. बच्चों को त्योहारों से जुड़ी किताबें पढ़ने के लिए दे सकते हैं, जिससे वे खुद चीजों के बारे में पढ़कर जानकारी हासिल कर सकें। 6. त्योहार में जब आप रिश्तेदारों के घर जाएं तो बच्चों के हाथों से मिठाई दिलवाएं ताकि उन्हें इस चीज का महत्व समझ आए। साथ ही वे ऐसा करने से खुशी महसूस कर सकेंगे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

मध्य प्रदेश न्यूज़

यह भी पढ़े