योगी सरकार में मंत्री और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल ने इस्तीफे की धमकी दी है। कहा- मेरी राजनीतिक हत्या कराने की साजिश हो रही है। सीएम आरोपों की CBI से जांच करा लें। पीएम मोदी जिस दिन आदेश करेंगे, मैं एक सेकंड में इस्तीफा दे दूंगा। मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने पॉलिटिकल कॉलेजों में प्रमोशन कर लेक्चरर्स को विभागाध्यक्ष बना दिया। इससे आरक्षित वर्ग के लेक्चरर्स विभागाध्यक्ष बनने चूक गए। भाजपा विधायक मीनाक्षी सिंह ने मंत्री की शिकायत सीएम योगी से की है। मंत्री आशीष पटेल ने रविवार देर रात साढ़े 11 बजे X पर 3 पोस्ट किए। चलिए, पढ़ते हैं- क्या है पूरा मामला-
प्राविधिक शिक्षा विभाग में राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेजों में विभागाध्यक्ष की सीधी भर्ती करने की जगह कॉलेजों में कार्यरत लेक्चरर्स को प्रमोशन कर विभागाध्यक्ष बनाया गया। आरोप है कि अगर सीधी भर्ती से पद भरे जाते तो पिछड़े और दलित वर्ग को आरक्षण का लाभ मिलता, लेकिन 177 लेक्चरर्स को नियम के खिलाफ पदोन्नत करने से आरक्षित वर्ग वंचित रह गया। सूत्रों के मुताबिक, इसके विरोध में आशीष पटेल के OSD ने भी इस्तीफा दे दिया है। भाजपा विधायक मीनाक्षी सिंह ने मुख्यमंत्री और SIT को पत्र लिख विभाग में हर साल 50 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया है। उन्होंने मामले की जांच की भी मांग की है। अपना दल की योगी सरकार से पहले से ही चल रही तकरार… अपना दल (एस) और योगी सरकार के बीच लोकसभा चुनाव के बाद से टकराव तेजी से बढ़ा है। जानकार मानते हैं- इसकी शुरुआत 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती से ही हो गई थी। अपना दल (एस) का नेतृत्व इस बात से नाराज है कि सरकार की मशीनरी का चुनाव के दौरान व्यवहार ठीक नहीं था। सरकार के स्तर से भी कोई मदद नहीं मिली। 1- शिक्षक भर्ती में आरक्षण: बेसिक शिक्षा परिषद में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में SC और OBC को आरक्षण के नियमानुसार लाभ न मिलने का मुद्दा अपना दल (एस) ने ही उठाया था। इस विवाद का आज तक हल नहीं निकला। जबकि, योगी सरकार नियमानुसार आरक्षण का लाभ देने का दावा कर रही है। 2- सीएम योगी को लिखा पत्र: अनुप्रिया ने 27 जून को मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखा। इसमें आरोप लगाया कि सरकारी विभागों में हो रही भर्ती में SC-ST और OBC के आरक्षण नियमों का पालन नहीं हो रहा। इन कैटेगरी के योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने के नाम पर उनके पद सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को दिए जा रहे हैं। 3- प्रमुख सचिव का विवाद: प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल का विभाग के प्रमुख सचिव एम. देवराज से विवाद हो गया। मंत्री आशीष पटेल ने एम. देवराज की ओर से किए जा रहे तबादलों पर आपत्ति जताई। मंत्री ने तबादले की पत्रावली मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी। नतीजा यह रहा कि विभाग में तबादला सत्र शून्य रहा। 4- मंच से आरक्षण का मुद्दा फिर उठाया: अपना दल (एस) के संस्थापक सोनेलाल पटेल की जयंती पर लखनऊ में कार्यक्रम हुआ। इस दौरान अनुप्रिया ने सरकारी विभागों की भर्ती में SC-ST और OBC के आरक्षण का मुद्दा उठाया। उन्होंने लोकतंत्र में राजा EVM से पैदा होने की बात भी दोहराई। 5- टोल टैक्स का मुद्दा उठाया: अनुप्रिया ने वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर अहरौरा में अतिरिक्त टोल बूथ लगाने पर आपत्ति जताई। उनका कहना है- NHAI के नियमों के अनुसार एक टोल से दूसरे टोल के बीच की दूरी 40 किलोमीटर होनी चाहिए। लेकिन, मार्ग में 20 किलोमीटर की दूरी फत्तेपुर और अहरौरा में दो टोल प्लाजा लगाकर वाहन स्वामियों से गलत टोल वसूला जा रहा है। अब पढ़िए अपना दल की मजबूती और कमजोरी ——————————- ये खबर भी पढ़ें- राहुल-अखिलेश के रास्ते पर अनुप्रिया पटेल:लखनऊ में बोलीं- जाति जनगणना कराई जाए; एनडीए की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने जाति जनगणना की मांग की है। राहुल गांधी और अखिलेश यादव पहले ही जाति जनगणना की मांग करके भाजपा को घेर रहे हैं। इस तरह अब अनुप्रिया भी राहुल-अखिलेश की राह पर चल पड़ी हैं। इससे भाजपा की मुसीबत बढ़ सकती है। पढ़ें पूरी खबर