अलीगढ़ के छर्रा थाना क्षेत्र में नाबालिग से दुष्कर्म करने के आरोपी को कोर्ट ने दोषी मानते हुए 10 साल कठोर कारावास की सजा दी है। दोषी नाबालिग को उसके घर से लेकर भाग गया था। जिसके बाद दोषी ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। यह मामला स्पेशल कोर्ट पॉस्को एक्ट में विचाराधीन था और लगातार इसका ट्रायल चल रहा था। लड़की की गवाही, उसकी मां के बयान, फारेंसिक साक्ष्य और पुलिस द्वारा पूरे किए गए सबूतों के आधार पर कोर्ट ने दोषी को सजा सुनाई है। कोर्ट के फैसले के बाद दोषी को तत्काल जेल भेज दिया गया है। युवती की तय हो गई थी शादी छर्रा थाना क्षेत्र निवासी पीड़ित मां ने 9 जून 2020 को थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया था कि उनकी बेटी की शादी तय हो गई थी, जो 18 जून को होनी थी। शादी की खरीददारी के लिए वह 8 जून को बाजार गई हुई थी। उनकी बेटी घर पर अकेली थी। तभी गांव में रहने वाला नरेंद्र पुत्र सियाराम मौका पाकर उनके घर में घुसा और उनकी बेटी को बहला कर अपने साथ ले गया। आरोपी अपने साथ घर में रखे डेढ़ लाख रुपए, सोने चांदी के जेवर भी ले गया था। कुछ दिन बाद पुलिस ने लड़की को बरामद करके आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। जांच में खुली थी दुष्कर्म की बात पुलिस ने मां की तहरीर पर अपहरण का मुकदमा दर्ज किया था। जब युवती बरामद हो गई और पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला था कि वह नाबालिग है। इसके साथ ही आरोपी ने उसे अपने साथ ले जाकर उसके साथ शारीरिक संबंध भी बनाए थे। नाबालिग के बरामद होने के बाद पुलिस ने विवेचना के बाद दुष्कर्म और पॉस्को एक्ट की धाराएं बढ़ाई थी। यह मामला स्पेशल कोर्ट पॉस्को एक्ट में चल रहा था। लगभग साढ़े 4 साल बाद इस मामले में फैसला सुनाया गया है और दोषी को 10 साल की सजा भी दी गई है। 65 हजार का लगाया गया है जुर्माना कोर्ट ने दुष्कर्मी को 10 साल के कठोर कारावास के साथ ही 65 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी दिया है। यह राशि पीड़ित परिवार को मुआवजे के तौर पर दी जाएगी। आर्थिक दंड न अदा करने की स्थिति में दोषी को अतिरिक्त कारावास भी भुगतना पड़ेगा।