अलीगढ़ में होने वाले अवनी और अशर के वलीमे की दावत अब नहीं होगी। हिंदू संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था और सोशल मीडिया पर जमकर इसका विरोध शुरू कर दिया था। इसके साथ ही हिंदू संगठनों ने प्रशासन को भी ज्ञापन दिया था। हिंदू संगठनों का कहना था कि वलीमे की यह दावत शहर में हुई तो शहर का माहौल खराब हो सकता है। इसलिए प्रशासन इस वलीमे की दावत को रुकवाए। लगातार हो रहे इस विरोध के बाद परिवार ने खुद ही इस दावत को कैंसिल कर दिया है। अब परिवार शहर के बाहर इस वलीमे की दावत को करेगा। 21 दिसंबर को होना था वलीमा शहर के प्रतिष्ठित कारोबारी अरविंद भार्गव की पुत्री अवनी का निकाह शिकवत अली के पुत्र अशर से हुआ है। दोनों शहर के ही एक प्रतिष्ठित स्कूल में साथ पढ़े हैं और इसके बाद अब USA में एक साथ नौकरी कर रहे हैं। नौकरी के दौरान ही दोनों की नजदीकियां बढ़ी और फिर उनका निकाह हो गया। चूंकि दोनों परिवार अलीगढ़ के ही रहने वाले हैं, इसलिए इन्होंने शहर में ही वलीमे की दावत करने का निर्णय लिया था। लेकिन जैसे ही वलीमे का यह कार्ड सामने आया था, इसका विरोध शुरू हो गया था। परिवार और होटल का कर रहे थे बहिष्कार वलीमे का कार्ड सामने आने के बाद हिंदू संगठनों और भाजपा से जुड़े लोगों ने भार्गव परिवार का विरोध शुरू कर दिया था। उनका कहना था कि अगर यह दावत शहर में हुई तो भार्गव परिवार का बहिष्कार कर दिया जाएगा। वलीमे की यह दावत एक होटल में रखी गई थी। जिसके बाद होटल का भी विरोध शुरू कर दिया गया था। लोगों का कहना था कि अगर होटल संचालक ने वलीमे की यह दावत कैंसिल न की तो होटल का बहिष्कार कर दिया जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि होटल ने भी यह बुकिंग कैंसिल कर दी थी। कलेक्ट्रेट में हुआ था प्रदर्शन, दिया था ज्ञापन अवनी और अशर के वलीमे के विरोध में पूर्व मेयर शकुंतला भारती की अगुवाई में हिंदू संगठनों ने प्रशासन को ज्ञापन दिया था। जिसमें कहा गया था कि अगर 21 दिसंबर को यह वलीमा हुआ तो शहर का माहौल खराब हो सकता है। उनका कहना था कि लव जिहाद नहीं होने दिया जाएगा। शहर में लगातार हो रहे वलीमे के विरोध के बाद भार्गव परिवार ने अपना यह कार्यक्रम कैंसिल कर दिया है। 21 दिसंबर को अब यह समारोह नहीं होगा। वहीं माना जा रहा है कि भार्गव परिवार अब शहर के बाहर से अपना कार्यक्रम करेगा। परिवार ने इस बारे में प्रतिक्रिया देने से भी इनकार कर दिया है।