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आगरा के माथुर फार्म हाउस में निर्माण पर प्रतिबंध:CEC ने सुप्रीम कोर्ट से की सिफारिश, 12 दिसंबर को भेजी अपने निरीक्षण की रिपोर्ट

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आगरा के दयालबाग स्थित माथुर फार्म हाउस के लिए सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (CEC) की सिफारिश परेशान करने वाली है। 12 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में कमेटी ने फार्म हाउस में किसी प्रकार का निर्माण न होने की सिफारिश की है। इसके साथ ही कमेटी ने माना है कि यहां हरियाली को नष्ट किया गया। पेड़ काटे गए। पर्यावरणविद डा. शरद गुप्ता ने आगरा के दयालबाग स्थित माथुर फार्म हाउस में हरियाली पर आरी चलाए जाने के संबंध में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर CEC की टीम 6 दिसंबर को मौके का निरीक्षण करने आई थी। निरीक्षण करने के बाद CEC ने 12 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के रजिस्टार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
10 गुना पेड़ लगाने की सिफारिश
टीम ने माना कि माथुर फार्म हाउस में पेड़ काटे गए। हालांकि टीम के अनुसार, इनकी संख्या 17 है। CEC का कहना है कि यहां 17 पेड़ काटे गए हैं। इसके बदले जमीन मालिक को 10 गुना अधिक यानि 170 पेड़ लगाने होंगे। इन पेड़ों के लिए जमीन भी जमीन मालिक उपलब्ध कराएंगे।
आर्थिक जुर्माना भी लगाने की सिफारिश
CEC ने सुप्रीम कोर्ट से सिफारिश की है कि पेड़ काटने वालों पर प्रति पेड़ एक लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया जाए। यानि 17 लाख रुपये भी आरोपियों को जमा करना होगा।
निर्माण न करने की सिफारिश
निरीक्षण के दौरान CEC की टीम ने पाया कि माथुर फार्म हाउस यमुना नदी से लगा हुआ है। ऐसे में CEC की सिफारिश है कि यहां किसी प्रकार का कोई निर्माण न हो। आगरा विकास प्राधिकरण या दूसरा अन्य सक्षम विभाग इसको सुनिश्चित करे।
डूब क्षेत्र का मिला था पिलर
बता दें कि 6 दिसंबर को निरीक्षण के दौरान CEC की टीम को माथुर फार्म हाउस की बाउंड्री यमुना किनारे दिखाई दी। यहीं पर डूब क्षेत्र का पिलर भी लगा हुआ था। CEC की टीम ने यहां मौजूद माथुर फार्म हाउस के केयरटेकर पूछा भी था कि यहां क्या निर्माण होने वाला है?
कॉलोनी बसाने की है योजना
बताया जा रहा है कि माथुर फार्म हाउस में हरियाली पर आरी चलाकर यहां कॉलोनी बसाने की योजना है। हालांकि CEC की टीम को यहां के केयरटेकर ने बताया था कि उक्त पेड़ मैरिज होम बनाने के लिए काटे गए हैं।
पर्यावरणविद बोले, लड़ेंगे लड़ाई
पर्यावरणविद डा. शरद गुप्ता का कहना है कि हरियाली पर आरी चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। जिसने भी पेड़ काटे होंगे, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई के लिए पैरोगारी की जाएगी।

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