आजमगढ़ कमिश्नर मनीष चौहान ने एक करोड़ से अधिक लागत की निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा की। इस समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जो भी निर्माण कार्य अधूरे हैं उनके जल्द से जल्द निर्माण कराया जाए। इसके साथ ही कार्यवाही संस्थाओं को भी निर्देश दिया गया। कमिश्नर मनीष चौहान ने कहा कि जो भी परियोजनाएं पूरी हो चुके हैं उनका तत्काल हैंडोवर किया जाए इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही किसी भी परियोजना में विलंब नहीं होना चाहिए। कई ऐसे निर्माण कार्य हैं जो पूर्ण हो चुके हैं। बावजूद इसके डाटा फीडिंग में अपेक्षित ध्यान नहीं दिए जाने के कारण ऐसी परियोजनाएं विलंबित प्रदर्शित हो रही हैं जिसका असर आजमगढ़ जिले की रैंकिंग पर पड़ रहा है। डाटा फीडिंग चेक करें अधिकारी कमिश्नर मनीष चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस प्रकार की विपरीत परिस्थिति से बचने के लिए सम्बन्धित कार्यदायी संस्था के मण्डलीय और जनपदीय अधिकारी डाटा फीडिंग को स्वयं चेक करें। कार्यदायी संस्था उप्र राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड के स्तर पर जनपद बलिया के बभनपुरा एवं चितबड़ागांव में निर्माणाधीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, जनपद मऊ में वन देवी जैव विविधता का सरंक्षण एवं विकास व वन देवी पार्क का जीर्णोद्धार तथा वन देवी में गेस्ट हाउस का निर्माण की प्रगति धीमी मिलने पर नाराजगी व्यक्त किया। कमिश्नर ने कहा कि यदि ठेकेदार द्वारा मनमानी की जा रही है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाय। मार्टिनगंज में निर्माण कार्य धीरे कमिश्नर मनीष चौहान ने उप्र राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड के द्वारा जनपद आजमगढ़ के मार्टिनगंज तहसील में आवासीय भवन निर्माण की प्रगति अत्यन्त धीमी मिलने पर उन्होंने निर्देश दिया कि कार्य चल रहा है अथवा नहीं। कार्य की गुणवत्ता आदि की जॉच अपर जिलाधिकारी, आजमगढ़ से कराई जाय। कमिश्नर ने बैठक में परियोजना प्रबन्धक, सी एण्ड डीएस के अनुपस्थित रहने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अनुपस्थिति के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया। राजस्व के वादों को निस्तारण करने के निर्देश कमिश्नर मनीष चौहान ने राजस्व वसूली और मुख्यमंत्री डैशबोर्ड की भी समीक्षा की। बैठक में राजस्व से सम्बन्धित बिन्दुओं की समीक्षा करते हुए मण्डलायुक्त ने राजस्व वादों के निस्तारण में तेजी लाने निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जनपदों में कुर्रा बंटवारा के पुराने वाद कम हैं, इसलिए इस ओर विशेष ध्यान देकर प्राथमिकता के आधार पर लम्बित पुराने वादों को निस्तारित किया जाय। इसी प्रकार नामान्तरण (धारा 34), पैमाइश (धारा 24), कृषि भूमि से गैर कृषि आदि के तीन वर्ष से अधिक अवधि के तथा 5 वर्ष से अधिक अवधि के लम्बित वाद भी जनपदों में अधिक नहीं बचे हैं। इसलिए ऐसे वादों के शीघ्र निस्तारण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। कमिश्नर की समीक्षा बैठक के आजमगढ़ मऊ बलिया के अधिकारी उपस्थित रहे।