कानपुर आईआईटी में रिसर्च स्कॉलर के यौन उत्पीड़न केस में आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। एसीपी ने खुद को निर्दोष बताते हुए हाईकोर्ट में एफआईआर रद्द करने की मांग की है। पुलिस ने केस का पूरा सिजरा बनाकर कोर्ट में भेज दिया है। अब गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। एसीपी मोहसिन अरेस्टिंग नहीं होने का फायदा उठाकर राहत के लिए हाईकोर्ट पहुंचा है। वहीं, दूसरी तरफ पीड़ित रिसर्च स्कॉलर ने पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर न्याय नहीं मिला तो मैं क्या कर लूंगी मुझे भी पता नहीं है। छात्रा ने कहा वर्दी पर दाग लगा है, अब मुझे भी झूठे केस में फंसाने की कोशिश कानपुर कलक्टरगंज एसीपी मोहसिन खान पर आईआईटी कानपुर की रिसर्च स्कॉलर ने शादी का झांसा देकर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए कल्याणपुर थाने में 12 दिसंबर 2024 को एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद तत्काल प्रभाव से एसीपी मोहसिन खान का ट्रांसफर पुलिस हेड क्वार्टर अटैच कर दिया गया था। मामले की जांच डीसीपी साउथ अंकिता शर्मा की निगरानी में एसआईटी कर रही है। अरेस्टिंग नहीं होने का फायदा उठाकर एसीपी ने हाईकोर्ट में एफआईआर रद्द करने की मांग की है। हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए 19 दिसंबर की तारीख तय की है। एसीपी मोहसिन खान का केस जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी का केस लड़ने वाले अधिवक्ता पूर्व एडवोकेट जनरल रहे इरफानउल्लाह और विक्रम सिंह लड़ेंगे। अगर एफआईआर रद्द नहीं हुई तो अरेस्टिंग स्टे लेने के फिराक में आरोपी प्रयासरत है। पुलिस ने भी हाईकोर्ट में छात्रा की ओर से अपना पक्ष रखेगी। इससे कि मोहसिन राहत नहीं मिल सके। वहीं, दूसरी तरफ रिसर्च स्कॉलर का कहना है कि एसीपी को जानबूझकर अरेस्ट नहीं किया जा रहा है। सब मिले हुए हैं, किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। पुलिस उसके मामले में कोई अपडेट भी नहीं दे रही है। छात्रा ने यह भी बताया कि उसपर शादीशुदा होने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है। जबकि उसने कभी शादी नहीं की है। मैं पुलिस नहीं ऊपर वाले के भरोसे हूं। अगर न्याय नहीं मिला तो मुझे भी नहीं पता कि मैं क्या कर लूंगी। छात्रा इतनी डरी सहमी है कि उसका कहना है कि वर्दी पर दाग लगा है। इसलिए ऐसा भी हो सकता है कि उसे भी किसी झूठे मामले में फंसाकर कॅरियर बर्बाद करने का प्रयास किया जाए। एसीपी पत्नी को तलाक का नोटिस बनाएंगे आधार एसीपी के अधिवक्ता गौरव दीक्षित ने बताया कि उन्होंने छात्रा से कोई झूठ नहीं बोला है। बीते साल नवंबर 2023 में पत्नी को तलाक देने का नोटिस भी दिया था। तलाक लेने का मामला प्रक्रियाधीन है। इसी को आधार बनाकर साबित करने का प्रयास कर सकता है कि उन्होंने पीड़िता के साथ कोई छलावा नहीं किया है। उनका तलाक का केस प्रक्रियाधीन है। एक साल पहले उन्होंने पत्नी को तलाक लेने के लिए नोटिस सर्व कराया था। उन्होंने रिसर्च स्कॉलर से कोई झूठा वादा नहीं किया है। अब एसीपी का दावा कोर्ट में कितनी देर टिकता है यह तो समय ही बताएगा। रिसर्च स्कॉलर के शादीशुदा होने का दावा एसीपी मोहसिन खान ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली रिसर्च स्कॉलर की पूर्व में शादी होने का भी दावा कर रहे हैं। उनका दावा है कि यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली रिसर्च स्कॉलर की वेस्ट बंगाल के पुरबा वर्धमान निवासी इंजीनियर के साथ शादी हो चुकी है। कोर्ट में मैरिज के लिए रजिस्ट्रेशन भी दाखिल किया था, लेकिन इससे पहले ही दोनों का ब्रेकअप हो गया और अलग-अलग हो गए थे। इससे संबंधित दस्तावेजी साक्ष्य भी उनके पास उपलब्ध हैं। एसीपी के पास मौजूद मैरिज रिजस्ट्रेशन के भरे हुए फॉर्म में दावा किया है कि यह हस्ताक्षर भी रिसर्च स्कॉलर के हैं। इसकी हैंडराइडिंग का मिलान कराया जा सकता है।