उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर लागू तीन नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों को नए आपराधिक कानूनों का प्रशिक्षण मार्च, 2025 तक पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि नए कानूनों के क्रियान्वयन के लिए उपयोगी उपकरणों की उपलब्धता के दृष्टिगत इन्हें यथाशीघ्र क्रय कर लिया जाए। मुख्यमंत्री ने नए कानूनों के बारे में व्यापक जन जागरूकता फैलाने की भी जरूरत बताई है। 100 फीसदी प्रशिक्षण दिया गया बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश के सभी आईपीएस, पीपीएस, प्रभारी निरीक्षक, थानाध्यक्षों और टेक्निकल स्टाफ को तीन नए कानूनों के सम्बन्ध में शत-प्रतिशत प्रशिक्षित किया जा चुका है। 99 प्रतिशत निरीक्षकों, 95 प्रतिशत उपनिरीक्षकों तथा 74 प्रतिशत हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ-2025 में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आएंगे। ऐसे में वहां नए कानूनों के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदर्शनी लगाई जाए। इसके अलावा, छोटे-छोटे वीडियो के जरिए श्रद्धालुओं को नये कानूनों की खूबियों के बारे में बताया जाए। विशेष उपलब्धियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाए। कुछ दिनों में उल्लेखनीय दण्ड के प्रकरण, जिनमें कम से कम समय में अपराधियों को सजा दिलाई गई, उनका प्रचार-प्रसार किया जाए। फॉरेंसिक का अहम रोल मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन नए कानूनों के अनुपालन में फॉरेंसिक का अहम रोल है। वर्तमान में प्रदेश के सभी जनपदों में एक-एक फॉरेंसिक मोबाइल वैन संचालित हो रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने शीघ्र ही सभी जनपदों में एक-एक और नई फोरेंसिक मोबाइल वैन की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के क्रियान्वयन में फॉरेंसिक विशेषज्ञों की अहम भूमिका है। इसके दृष्टिगत फॉरेंसिक विशेषज्ञों की भर्ती प्रक्रिया को तेज किया जाए। भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार की लापरवाही न की जाए। मुख्यमंत्री ने कारागार में वीसी यूनिट के अधिष्ठापन की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी थानों पर विवेचकों और अभियोजन के अधिकारियों को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग यूनिट की सुविधा उपलब्ध कराने को कहा।